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60 प्रतिशत काम पूरा, 2025 में मिलेगा लाभ

बांध का काम जुलाई 2025 में पूरा करना है। इस बांध 2025 की पानी की भराव क्षमता नौनेरा बांध से दोगुनी होगी।

बारांOct 07, 2024 / 12:14 pm

mukesh gour

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हाड़ौती का सबसे बड़ा बांध होगा अकावद, भराव क्षमता नौनेरा से दोगुनी, 60त्न काम पूरा

गऊघाट. परवन सिंचाई परियोजना के तहत बन रहे हाड़ौती के सबसे बड़े अकावद बांध का 60 प्रतिशत से अधिक काम हो चुका है। बांध का काम जुलाई 2025 में पूरा करना है। इस बांध 2025 की पानी की भराव क्षमता नौनेरा बांध से दोगुनी होगी। नौनेरा बांध की भराव क्षमता 226.65 मिलियन घन मीटर है, जबकि अकावदा बांध की भराव क्षमता 490 मिलियन घनमीटर होगी। परवन बांध से कोटा, बारां, झालावाड़ के 1821 गांवों में पेयजल पहुंचेगा। साथ ही 2 लाख 1 हजार 400 हैक्टेयर में सिंचाई की जा सकेगी। परियोजना से दो नहरें निकाली जाएंगी। जो 129 किमी लंबाई में होगी।
परवन वृहद् सिंचाई परियोजना की दायीं मुख्य नहर 89 किमी व बायीं मुख्य नहर 40 किमी लंबाई की होगी। परियोजना के लाभान्वित क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई परियोजना के लाभान्वित क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई परियोजना से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। बांध व नहरों के निर्माण के 8487 करोड़ रुपए के विकास कार्य चल रहे हैं। 8.7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी। परियोजना से 2970 मेगावाट ताप विद्युत भी पैदा होगी। परियोजना की कुल लागत 7355.23 करोड़ रुपए है। इसके तहत क्षेत्र में 67 डिग्गी, 11 इंटेक वेल बनाए जाएंगे। परवन सिंचाई परियोजना की 23 अगस्त 2013 को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति 2360.43 करोड़ की जारी की गई है। परियोजना की टीएसी क्लीयरेंस केन्द्रीय जल आयोग द्वारा 19 सितंबर 2013 को हुई। परियोजना के मुख्य बांध व टनल के निर्माण के लिए 14 सितंबर को निविदा जारी की गई थी। परियोजना की पुन: संशोधित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति 25 मई 2018 को 7355.23 करोड़ की जारी की गई। बांध एवं टनल के निर्माण के लिए 21 मार्च 2017 को पुन: फर्म को जारी किया गया।
जारी है बांध से निकली नहरों का काम

बरसात के कारण काम कुछ समय रोकना पड़ा है। नहरों का काम चल रहा है। नहरों से गांवों में सिंचाई होगी। बांध का समय पर ही काम पूरा करने के प्रयास को 67 डिग्गी व 11 इंटेक वैल कुल 78 पंपिंग स्टेशन में विभाजित कर संपूर्ण क्षेत्र में प्रेशर इरिगेशन पाइपलाइन डालकर विद्युत पम्पों से पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए 4-5 हैक्टेयर तक के सबचक बनाए जाएंगे।
जीएएन शर्मा, एसई, परवन सिंचाई परियोजना

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