छबड़ा. कस्बे के निकट रेणुका नदी में सोमवार को डूबने से एक किशोर की मौत हो गई। लोगों ने किशोर को नदी से निकाला और अस्पताल में पहुंचाया। लेकिन तब तक किशोर की मौत हो चुकी थी। इस बीच परिजनों व अन्य लोगं ने मिलकर किशोर के वापस जिंदा हो जाने की आस में छबड़ा अस्पताल की मोर्चरी में ही शव को नमक में दबा दिया। बाद में चिक्त्सिकों के समझाने पर शव का पोस्ट मार्टम करवाया गया।
जानकारी के अनुसार लक्ष्मीनाथ मंदिर के नीचे जनरल स्टोर की दुकान लगाने वाले गिर्राज गर्ग व उनकी पत्नी कृष्णा गर्ग पर सोमवार सुबह दुखों का पहाड़ टूट पड़ा । उनका 14 वर्षीय पुत्र अयांश गर्ग घर के समीप स्थित नदी दरवाजे पर बहने वाली रेणुका नदी में डूब गया। इससे उसकी मौत हो गई। कड़ैयावन स्थित मॉडल विद्यालय की कक्षा दसवीं में अध्ययनरत अयांश गर्ग घर के समीप स्थित रेणुका नदी पर 9.30 बजे सुबह नहाने गया हुआ था। वहां उसके कुछ और साथी भी नहा रहे थे । अचानक पांव फिसलने से किशोर नदी के गहरे पानी में डूब गया। वहां उपस्थित कुछ अन्य लोगों ने उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन आयांश पानी में नीचे जा चुका था । आयांश के डूबने की खबर मिलते ही परिजन, प्रशासन व कस्बे वासियों की भारी भीड़ रेणुका नदी पर जुट गई। नदी के समीप स्थित जोहरीपुरा एवं टोडी बस्ती के 8 से 10 स्थानीय युवकों ने ढूंढने का प्रयास शुरू कर दिया । प्रशासन द्वारा भी एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया । लेकिन इससे पहले ही कस्बे के तैराक सूरज कश्यप, रईस पटेल, देवकरण, देवीशंकर , नादिर, शकील ने डूबने वाली जगह से किशोर को बाहर निकाला । उसे प्राथमिक उपचार देने के प्रयास किए गए और अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने काफ ी प्रयास किए । लेकिन चिकित्सकों के अनुसार आयांश की मृत्यु पानी में डूबने के बाद ही हो चुकी थी । डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया ।
–नमक में दबा दिया शव
डॉक्टर द्वारा किशोर को मृत घोषित किए जाने पर भी लोग नहीं माने और वह उसे जिंदा करने के अनेक जतन करने लगे। किसी के कहने पर किशोर के शव को कुछ समय के लिए नमक में दबा कर रख दिया। लोगों का मानना था कि इससे किशोर की देह का पानी नमक सौंख लेगा और उसकी सांसे लौट आएगी। बाद में चिकित्सकों के समझाने पर परिजन माने और शव का पोस्टमार्टम करवाया।
–नमक में दबा दिया शव
डॉक्टर द्वारा किशोर को मृत घोषित किए जाने पर भी लोग नहीं माने और वह उसे जिंदा करने के अनेक जतन करने लगे। किसी के कहने पर किशोर के शव को कुछ समय के लिए नमक में दबा कर रख दिया। लोगों का मानना था कि इससे किशोर की देह का पानी नमक सौंख लेगा और उसकी सांसे लौट आएगी। बाद में चिकित्सकों के समझाने पर परिजन माने और शव का पोस्टमार्टम करवाया।