ये मामले आए शिवाजी नगर निवासी 72 वर्षीय वृद्धा ने ज्यादा ठंड नहीं होने के कारण सुबह टहलने जाने के दौरान दो दिन गरम कपड़े नहीं पहने। तीसरे दिन उन्हें सर्दी-जुकाम हो गया। जुकाम बिगडऩे पर निमोनिया हो गया। एक निजी अस्पताल में इलाज जारी है।
प्राइवेट जॉब करने वाला 45 वर्षीय युवक ज्यादातर समय दोपाहिया वाहन से टूर पर रहता है। गला और कान में तेज दर्द और निगलने में समस्या होने पर उसने जांच कराई, तो चिकित्सक ने बताया कि श्वांस नली और गले में सूजन है, जो टूर के दौरान कान नहीं ढंकने के कारण ठंडी हवा लगने से हुई है।
प्राइवेट जॉब करने वाला 45 वर्षीय युवक ज्यादातर समय दोपाहिया वाहन से टूर पर रहता है। गला और कान में तेज दर्द और निगलने में समस्या होने पर उसने जांच कराई, तो चिकित्सक ने बताया कि श्वांस नली और गले में सूजन है, जो टूर के दौरान कान नहीं ढंकने के कारण ठंडी हवा लगने से हुई है।
ये सावधानी बरतें ठंड में निकलने से पहले नाक, कान, गला अवश्य ढांकें, गरम कपड़े पहनें घर में फर्श, टाइल्स पर चलने के दौरान मोजे अवश्य पहनें, ज्यादा ठंडे पानी की जगह गुनगुने पानी से नहाएं, पीने में गुनगुने पानी का उपयोग करें, सर्दी-जुकाम होने पर ठंडी चीजों का सेवन करने बचें।
ठंड इस बार देर से आई है। अपेक्षाकृत कम है, ऐसे में लोग गरम कपड़े पहने बगैर या हल्के कपड़ों में घर से निकल जा रहे हैं। सीधे हवा के सपर्क में आने पर उन्हें सर्दी-जुकाम बिगडऩे से लेकर गला दर्द, श्वांस नली में सूजन, निगलने में समस्या, फेंफड़ों में संक्रमण और निमोनिया की समस्या हो रही है। बीपी, हार्ट के मरीजों में अटैक का जोखिम भी बढ़ जा रहा है। ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचें।
डॉ. सीपी विजय, रिटायर्ड मेडिकल ऑफिसर, एमबीएस अस्पताल मौसम का सबसे ठंडा दिन, पारा 7 डिग्री पर पहुंचा जिले में अब सर्दी ने जोर पकड़ लिया है। पिछले कुछ दिनों से तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या अधिक हो गई है। अब तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में लगभग तीन गुना अंतर था। इससे सेहत पर असर पड़ रहा था। रविवार को इस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा। इस दिन न्यूनतम तापमान 7 डिग्री दर्ज किया गया। इसी प्रकार अधिकतम तापमान 25 डिग्री दर्ज किया गया। दरअसल, उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम में लगातार सर्दी बढऩे के साथ ही बाजार में गर्म वस्त्रो की बिक्री भी बढऩे लगी है। कोटा रोड व शाहाबाद रोड पर सडक़ किनारे कंबल की कई अस्थाई दुकानें सजी नजर आती हैं। शाहाबाद रोड पर तो नियाना सर्किल से लेकर फतेहपुर अट्टे तक कई दुकानें सजी हुई हं। लोग अब रजाइयों की जगह कंबल का अधिक उपयोग करने लगे हैं। इनमें कई दुकानें तो बाहर से आए व्यापारी व कई दुकानें स्थानीय लोग लगा रहे हैं।