कर्नल दलेल सिंह ने वहां यूनाइटेड स्टेट ऑफ राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए संविधान के निर्माण में योगदान दिया। 9 दिसम्बर 1946 से 24 जनवरी 1950 तक उन्होंने निर्मात्री सभा में काम किया। परिवार के ही सदस्य पलायथा के सरपंच अनूप सिंह बताते हैं कि दलेल सिंह पलायथा ने 283 सदस्यों के साथ संविधान की प्रति पर हस्ताक्षर भी किए थे। मेजर जनरल सर आपजी औंकार सिंह के पुत्र दलेल सिंह ने बनारस विश्व विद्यालय से उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए किया। बाद मेंं आईसीएस की परीक्षा के लिए लंदन चले गए। कोटा आने के बाद वे महाराव भीम सिंह के निजी सचिव रहे। कानून की अच्छी समझ होने से उन्हें संविधान निर्मात्री सभा के लिए मनोनीत किया।
क्रिकेट से भी रहा लगाव
कानून व राजनीति की समझ के साथ दलेल सिंह को क्रिकेट के प्रति भी लगाव था। वे क्रिकेट में बतौर ओपनर बल्लेबाजी करते थे। बनारस विश्व विद्यालय की तरफ से उन्होंने काफी क्रिकेट खेली। उनका जन्म 18 मार्च 1909 में हुआ और 8 मार्च 1984 में उनका निधन हो गया।
नहीं स्वीकारा मंत्री पद का प्रस्ताव
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हीरा लाल शास्त्री ने दलेल सिंह की योग्यता को देखते हुए केबिनेट में शामिल करने का प्रस्ताव भी दिया, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।