शहर में सर्दी के इन दिनों में सुबह 7 से 8 बजे तक जलापूर्ति की जा रही है। इसके अलावा यहां वर्षों पुरानी व्यवस्था के तहत जलापूर्ति शुरू करने के समय 7 से 7.30 तक आधा घंटे बिना मोटर से पानी भरने वाले टेल क्षेत्र के लिए बिजली बंद की जाती है। इसके बाद 7.30 बजे बिजली आपूर्ति शुरू की जाती है तो ऊंचाई वाले इलाके के लोग मोटर चलाकर पानी का बंदोबस्त करते हैं। 25 जनवरी को 7.30 से 8.30 बजे तक बिजली कटौती के आदेश पर कटौती कराई गई थी। इससे 7 से 8.30 तक डेढ़ घंटे बिजली बंद रही थी। उस दिन भी लोगों को पेयजल के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
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निगम सूत्रों ने बताया कि विद्युत कटौती किए जाने के लिए अधीक्षण अभियंता सप्लाई एण्ड मैनेजमेंट (एस एण्ड एम) की ओर से ऐन सवेरे जिला अधिकारियों को मोबाइल पर संदेश दिया जाता है। अक्सर सुबह 7 बजे के आसपास कटौती के आदेश होते हैं। 25 जनवरी को इस तरह मोबाइल पर मिले आदेशों की पालना में 5000 से अधिक आबादी वाले कस्बों और गांवों में सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक और जिला मुख्यालय पर सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक कटौती की गई थी। इसी तरह के आदेश पर सोमवार सुबह 7 से 7.30 बजे तक कटौती की गई, लेकिन 7.30 के बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई। 8 बजे तक जलापूर्ति का समय होने से लोग टकटकी लगाए रहे। अधिकारियों को अवगत कराने पर करीब 15 मिनट देरी से बिजली चालू हुई। इससे लोगों को 24 घंटे में मात्र 15 मिनट पेयजल ही मिला।
आधे घंटे कटौती के बाद बिजली चालू की तो चालू नहीं हुई। ओस की बूंदों से लाइन में नमी आने से खराबी आ गई। इससे विद्युत आपूर्ति बहाल होने में करीब 15 मिनट की देरी हो गई थी।
– एसएस नागर, एईएन (बारां शहर)
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विद्युत निगम के सप्लाई एण्ड मैनेजमेंट की ओर से लोड सेटिंग के तहत कटौती करने के आदेश ऐन सवेरे दिए जाते हैं। आदेश की पालना में सोमवार सुबह 7 से 7.30 तक आधे घंटे की कटौती की गई थी।
– एनआर बैरवा, अधिशासी अभियंता, जविविनि