राहत शिविरों में कराए गए थे रजिस्ट्रेशन
राज्य सरकार की ओर से विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले लोगों को राहत देने के लिए महंगाई राहत शिविरों का आयोजन किया गया था। शिविरों में विभिन्न विभागों की 10 योजनाओं का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन किए गए थे। जिले में भी बड़ी संख्या में लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराए थे। इसके बाद अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर और नवम्बर माह में तो लगातार राशन किटों का वितरण किया गया, लेकिन दिसम्बर से उच्च स्तर से आवंटन मिलना बंद हो गया। दिसम्बर से लोग फिर से अन्नपूर्णा फ्री राशन किट मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
उच्च स्तर पर की जा रही समीक्षा
सूत्रों का कहना है कि नवम्बर माह में 9 नवम्बर को विधानसभा चुनाव के तहत आचार संहिता लागू हो गई थी। उस समय आवंटित हुए राशन किटों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री के फोटो लगे होने से आदश्र आचार संहिता की पालना में इन किटों का वितरण कुछ दिनों के लिए बंद रहा था, लेकिन बाद में फोटो हटाकर दुबारा पैकिंग की ओर पात्र परिवारों को निशुल्क राशन किटों का वितरण किया गया था। उसके बाद 3 दिसम्बर 2023 को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हुए ओर राजय में सत्ता परिर्वतन हो गया। इसके बाद दिसम्बर में ही राशन किटों का आवंटन नहीं हुआ ओर अब विभागीय सूत्र बताते है कि नई सरकार की ओर से फिलहाल पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं पर समीक्षा की जा रही है।
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अब दाल-चीनी नहीं, मिल रहा बस गेंहू
अन्नपूर्णा फ्री राशन किट में एक किलो चना दाल, एक किलो चीनी, एक लीटर सोयाबीन तेल, सौ ग्राम लाल मिर्च व धनिया ओर पचास ग्राम हल्दी दी गई थी। अब पंजीकृत लाभार्थी परिवारों के जनाधार डाटा पोश मशीन में अपलोड नहीं हो रहे है। हालांकि खाद्य सुरक्षा में शामिल इन पंजीकृत परिवारों को नियमानुसार नियमित रूप से गेंहू का वितरण किया जा रहा है।
अन्नपूर्णा फ्री राशन किट वितरण योजना के तहत अगस्त से नवंबर माह तक चार माह राशन किटों का वितरण किया गया था, दिसम्बर ओर जनवरी में किटों का आवंटन नहीं हुआ है। किसी तरह के नए दिशा-निर्देश भी नहीं मिले है। सरकार के आदेशों के तहत आगे की प्रक्रिया की जाएगी। जिले में करीब 2 लाख 10 हजार परिवारों के रजिस्ट्रेशन हुए थे।
-रजत विजयवर्गीय, जिला रसद अधिकारी