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भक्तों का मंगल करने शुभ और सर्वार्थ सिद्धि योग में पधारेंगी माता, बन रहे अद्भुत संयोग

चैत्र माह की प्रतिपदा से शुरू हो रहे नव संवत्सर के पहले दिन माता का आगमन होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार माता विशेष योगों व मुहूर्त में भक्तों का कल्याण करने पधार रही हैं।

बारांApr 08, 2024 / 10:42 pm

mukesh gour

भक्तों का मंगल करने शुभ और सर्वार्थ सिद्धि योग में पधारेंगी माता, बन रहे अद्भुत संयोग

भक्तों का मंगल करने शुभ और सर्वार्थ सिद्धि योग में पधारेंगी माता, बन रहे अद्भुत संयोग

बारां/छबड़ा. चैत्र माह की प्रतिपदा से शुरू हो रहे नव संवत्सर के पहले दिन माता का आगमन होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार माता विशेष योगों व मुहूर्त में भक्तों का कल्याण करने पधार रही हैं। गुड़ी पाड़वा के पूजन और हिन्दू नववर्ष की खुशियों के बीच शुभ योगों में माता की आराधना होगी, जो 17 अप्रेल महानवमी तिथि तक चलेगी। इस बार नवरात्र नौ दिन की होगी। तिथियों का दोहराव व क्षरण नहीं होगा। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि 9 अप्रेल को प्रतिपदा तिथि सूर्योदय से रात 9.35 बजे तक रहेगी। रेवती नक्षत्र सुबह 7.58 बजे तक रहेगा। इसके बाद अश्विनी नक्षत्र का प्रवेश हो होगा, जो पूरे दिन रहेगा। शुभ और सर्वार्थ सिद्धि योग की युति से माता का नवरात्र पूजन शुरू होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11.08 बजे से रात्रि अंत तक रहेगा। शुभ योग भी पूरे दिन मान्य होगा। मन्नतों की अखंड जोत, जवारे व देवी-देवताओं के दरबारों में घट स्थापना होगी।
पंचमी पर विशेष योग
चैत्र नवरात्र की पंचमी तिथि, शनिवार, मृगशिरा नक्षत्र का योग कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन देवी आराधना साधक के लिए शुभ फलदायी होती है। माता को मखाने की खीर, मखाने की माला पहनाना तथा मखाना, पान, बताशा, सुपारी भेंट करने से दरिद्रता दूर होती है।
फलदायी महाअष्टमी
मंगलवार 16 अप्रेल को महाअष्टमी तिथि पुष्य नक्षत्र में आएगी। नवरात्र में मंगलवार और पुष्य नक्षत्र का योग व्यापार वृद्धि, कीमती धातुओं की खरीदी के लिए अति शुभ माना जाता है। महानवमी पर जवारा विसर्जन और श्रीराम जन्मोत्सव सुबह से देर रात तक मनाया जा सकेगा। उच्च का सूर्य, शुक्र और स्वग्रही शनि अच्छे सत्ता, व्यापार और भूमि भवन के शुभ संयोग बनाएंगे।
इनके लिए भी शुभ
इन दिनों में सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं होती, नई शुरुआत और खरीदारी के लिए भी ये दिन बहुत शुभ होते हैं। इस बार नवरात्र के शुरुआती पांच दिन यानी 9. से 13 अप्रेल खरमास रहेंगे। इसमें शुभ काम नहीं होते न ही शुभ चीजों की खरीदारी की जाती है, लेकिन 14 अप्रेल से नवरात्र के समापन तक ऐसे मुहूर्त बन रहे हैं, जिसमें प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाडिय़ों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी की जा सकती है।
घट स्थापना मुहूर्त (स्थिर लग्न के आधार पर)
वृषभ लग्न : सुबह 7.40-9.38 तक
ङ्क्षसह लग्न : दोपहर 2.10-4.20 तक
वृश्चिक लग्न : रात 8.45-11बजे
चौघडिय़ा मुहूर्त (शुभ बेला के आधार पर) चर चौघडिय़ा में सुबह 9-10.30 बजे तक।
लाभ का चौघडिय़ा सुबह 10.30-12
अमृत काचौघडिय़ा दोपहर 12-1.30
शुभ का चौघडिय़ा दोपहर 3-4.30
लाभ का चौघडिय़ा रात 9-10.30

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