बारां/किशनगंज. मकरसंक्रांति पर जिलेभर में मंगलवार को आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से अट जाएगा। पूरा दिन पतंगे आसमान में इठलाएंगी। हर तरफ वो काटा, अल्लग है का शोर रहेगा। मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर युवाओं और बच्चों ही नहीं हर वर्ग के लोगों में उत्साह है। गली-मोहल्लों से मुख्य बाजारों और कॉलोनी क्षेत्रों तक पतंग-मांझे की दुकानें सज गई है। सोमवार देर रात तक दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। बड़ी संख्या में पतंगे और मांझे की बिक्री हुई। हर छत पर पतंगबाजों की मंडलियां नजर आएंगी। दिनभर छतों पर लोगों का मजमा लगा रहेगा। गली-गली में कटी पतंगों को लूटने वालों की धूम रहेगी। आज मनाए जाने वाले मकर संक्रांति पर्व पर पतंग उड़ाने के लिए बालकों सहित युवा साथियों में भी जोश नजर आ रहा है। बस स्टैंड पर पतंग की दुकानों पर पतंगेंं खरीदने वाले बालकों के साथ माता-पिता भी आ रहे हैं। सोमवार को साफ रहे मौसम के मिजाज को देखते हुए लोगों में उत्साह है।
मकर संक्रांति का महत्व मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। एक अन्य कथा के अनुसार असुरों पर भगवान विष्णु की विजय के तौर पर भी मकर संक्रांति मनाई जाती है। आज ही के दिन भगवान विष्णु ने असुरों का संहार किया था। तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को मकर संक्रांति पर्व के तौर पर मनाया जाने लगा। ज्योतिषीय मान्यताओं अनुसार मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है। उत्तरायण यानी सूर्य की यात्रा दक्षिण से उत्तर की ओर होना। इस दिन सूर्य और शनि की आराधना करनी चाहिए। आज के दिन दान का भी महत्व बताया गया है।