जलवाड़ा की पुलिस चौकी भगवान भरोसे, कैसे रुकेंगे अपराध जलवाड़ा. कस्बे की पुलिस चौकी लम्बे अरसे से भगवान भरोसे चल रही है। यहां एक कांस्टेबल ही 22 गांवों की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है। स्थिति यह है कि कई बार पुलिस चौकी पर ताला लगा मिलता है।
यूं कहने के नाम पर पुलिस चौकी में 6 का जाप्ता है। लेकिन हैड कांस्टेबल का पद रिक्त होने के कारण 5 का ही जाप्ता है। इसमें सहायक उप निरीक्षक व 4 कांस्टेबल हैं। सहायक उप निरीक्षक अभिषेक शर्मा के बीमारी के चलते करीब डेढ़ माह से मेडिकल लीव पर है। आसुराम हुड्डा को थाने पर लम्बे अरसे से आसूचना अधिकारी के पद पर लगा रखा है। कांस्टेबल गिर्राज सहरिया को करीब तीन माह से तामीलों पर लगा रखा है। कांस्टेबल रणजीत सहरिया करीब दो माह से छुट्टी पर है। मात्र एक कांस्टेबल अक्षत सैनी ही पुलिस चौकी को संभाल रहा है। इस चौकी के अंतर्गत 22 गांव आते हैं। कांस्टेबल सैनी ही गांवों में तामील करवाने जाता है।
चौकी पर इसलिए लगा रहता है ताला गांवों में झगड़ा-फसाद हो जाए तो आरोपियों को लेकर थाने पर जाना। वहां से किशनगंज न्यायालय में पेश करना सहित अन्य कार्यों के चलते अधिकांश समय पुलिस चौकी पर ताला लगा रहता है। 22 गांवों में से कोई न कोई अपनी शिकायत लेकर पुलिस चौकी पर आता है। ऐसे में पुलिस चौकी पर ताला लगा देख कर निराश होकर या तो वापस गांव चला जाता है या फिर 18 किलो मीटर दूर नाहरगढ़ थाने में जाकर शिकायत या रिपोर्ट दर्ज कराना पड़ता है। कांस्टेबल के मंगलवार को थाने पर जाने के कारण दिन भर चौकी पर ताला लगा रहा। एक कांस्टेबल के चलते कस्बे में गश्त भी नहीं हो पा रही है। कस्बे या क्षेत्र में दो पक्षों में बड़ा झगड़ा या विवाद व कोई घटना घटित हो जाए तो मात्र एक कांस्टेबल कुछ नहीं कर सकता। पर्याप्त पुलिस के अभाव में कस्बे में अवैध गतिविधियां भी बढऩे लगी हैं।
यह परिपाटी ठीक नहीं दो वर्ष पूर्व तक चौकी का स्टॉफ चौकी पर ही रहता था। हां कभी कभार जरूरत पड़ जाए तो थाने पर बुला लिया जाता था। लेकिन दो वर्ष पूर्व से चौकी के स्टॉफ में से किसी को तामील में तो किसी को आसूचना अधिकारी या फिर अन्य कार्यों के लिए लम्बे अरसे तक बुला लिया जाता है। ऐसे में चौकी की गतिविधियां प्रभावित होती हैं। लोगों का कहना है की यह परिपाटी ठीक नहीं है। चौकी पर पर्याप्त स्टाफ रहने से आम जन में विश्वास रहता है।
धड़ल्ले से गुजर रहे है कस्बे से होकर वाहन यहां पुलिस चौकी पर स्टॉफ का अभाव होने का लाभ बाहर गांव से आने वाले वाहन चालक भी उठा रहे हैं। वे भी धड़ल्ले से तेज गति से दौड़ाते हुए कान फोड़ू आवाज में हॉर्न बजाते हुए पुलिस चौकी के सामने से मुख्य बाजार में होते हुए निकलते हैं। इससे बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यदि पुलिस रहती है तो लोगों में भय रहता है।