बारां

एक दशक बाद, पूरी होगी आस

छीपाबड़ौद तहसील में ल्हासी नदी पर खजूरिया के पास बना बांध छबड़ा-छीपाबड़ौद के लोगोंं की प्यास बुझाने को तो तैयार है, लेकिन निर्धारित क्षेत्र के कई गांव

बारांFeb 17, 2018 / 03:17 pm

Shivbhan Sharan Singh

एक दशक बाद, पूरी होगी आस

बारां. छीपाबड़ौद तहसील में ल्हासी नदी पर खजूरिया के पास बना बांध छबड़ा-छीपाबड़ौद के लोगोंं की प्यास बुझाने को तो तैयार है, लेकिन निर्धारित क्षेत्र के कई गांवों के खेतों की प्यास बुझाने में अभी खासा समय लगेगा।
मूल रूप से यह परियोजना सिंचाई के लिए बनी थी, लेकिन सिंचाई सुविधा ही अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है। वर्ष 2007 में स्वीकृत यह परियोजना 44.73 करोड़ रुपए की स्वीकृति पर थी, समय के साथ एक दशक में इसकी स्वीकृति 204 करोड़ तक पहुंच गई है, वहीं मुआवजा आवंटन के चलते अभी लागत में और बढ़ोतरी होनी है।
Read more: रोड़वेज का वर्कशॉप वेंटिलेटर पर,कैसे करें गाडिय़ों का उपचार,टूटी कमानियों पर सफर करने की मजबूरी
2008 में इस परियोजना का काम शुरू हुआ जो दस साल के अंतराल के बाद अब दिसम्बर 2028 तक पूरा हो पाएगा। छबड़ा थर्मल व बाद में पेयजल योजना के लिए पानी आरक्षित करने के चलते सिंचित होने वाले रकबे में भी कटौती कर दी गई।
यूं होती गई देरी
इस परियोजना के तहत बनने वाले बांध के स्पिल वे का मामला करीब दो साल तक केन्द्रीय जल आयोग में विचाराधीन था। वहां से संशोधित डिजायन प्रारूप मिलने शुरू हुए। डिजायन में संशोधन के बाद कई बदलाव भी हुए। जल संसाधन विभाग की ओर से समय अवधि में वृद्धि एवं कार्य में विचलन के तहत सक्षम स्वीकृति का प्रस्ताव सरकार को भेजा, फिर स्वीकृति मिली। परियोजना लागत के प्रस्ताव के विपरीत भी नई स्वीकृति मिलने में समय लगा। इस बीच, जलदाय विभाग द्वारा पानी आरक्षण का मामला आ गया था। पेयजल आरक्षण के बाद भी बदलाव हुए। लागत के अनुसार स्वीकृति भी बदलती रही। फिर काम चले तो भी समय लगता रहा।
Read more: कब तक बैठेंगे भोले भंडारी कोप भवन में,कब निखरेगा शिव मंदिर का स्वरूप

आधे से ज्यादा पानी आरक्षित
ल्हासी बांध के कुल 1000 एमसीएफटी पानी में से छबड़ा थर्मल को पूर्व में 300 एमसीएफटी पानी आरक्षित है। इसके बाद जलदाय विभाग को 258 एमसीएफटी पानी आरक्षित किया गया। इस तरह, आधे से कम पानी ही सिंचाई के लिए आरक्षित हो पाया है।
सिंचित रकबे में हो गई कटौती
ल्हासी सिंचाई परियोजना से सिंचित होने वाला रकबा 4026 हैक्टेयर निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में पानी आरक्षण के चलते इस रकबे में कटौती की जाती रही। अब केवल 2539 हैक्टेयर रकबे में ही इस परियोजना से सिंचाई हो सकेगी। 11 गांव लाभांवित होंगे।
बांध बना, अब नहरों का काम
परियोजना के तहत ल्हासी बांध का निर्माण वर्ष 2016 में पूरा हो गया था। जलदाय विभाग ने पेयजल योजना के तहत बांध से पानी लेना शुरू कर दिया वहीं छबड़ा थर्मल भी पानी लेने की तैयारी कर रहा है। अब बांध के नहरी तंत्र का काम चल रहा है। इसमें मैन कैनाल सवा दस किलोमीटर व वितरण माइनर 19 किलोमीटर लम्बाई में होंगे।
& ल्हासी सिंचाई परियोजना का काम दिसम्बर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य है। नहरों का काम चल रहा है। बांध पहले ही बन चुका है। पुर्नवास कॉलोनी का काम भी पहले ही हो चुका है।
जितेन्द्र शेखर, अधिशासी अभियंता जल संसाधन विभाग, छबड़ा

संबंधित विषय:

Hindi News / Baran / एक दशक बाद, पूरी होगी आस

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.