अफीम की फसल पर ओलों की मार, किसानों में नुकसान की चिंता कवाई. क्षेत्र के उम्मेदगंज व महाराजपुरा गांव में नारकोटिक्स विभाग द्वारा दिए गए 7 लाइसेंस में से 2 किसानों ने तो पहले ही अफीम फसल हंकवा दी थी। शेष 5 किसानों की 37 आरी की फसल शनिवार रात्रि को ओले गिरने से नष्ट हो गई। अब किसानों को औसत पूरी करने की चिंता सता रही है।
अफीम की फसल पर ओलों की मार, किसानों में नुकसान की चिंता
कवाई. क्षेत्र के उम्मेदगंज व महाराजपुरा गांव में नारकोटिक्स विभाग द्वारा दिए गए 7 लाइसेंस में से 2 किसानों ने तो पहले ही अफीम फसल हंकवा दी थी। शेष 5 किसानों की 37 आरी की फसल शनिवार रात्रि को ओले गिरने से नष्ट हो गई। अब किसानों को औसत पूरी करने की चिंता सता रही है। जानकारी के अनुसार शनिवार रात्रि करीब 8 .30 बजे दिलोद हाथी व बालुखाळ क्षेत्र में अचानक मौसम बदलने के साथ ही कुछ देर के लिए ओलावृष्टि हुई थी। तेंदू के आकार के ओले गिरने से सभी फसलें नष्ट हो गई थी। उम्मेदगंज निवासी सौदान मीणा ने बताया कि उनके गांव के 5 किसानों को नारकोटिक्स विभाग द्वारा अफीम के लाइसेंस दिए गए थे। जिनमें से 2 किसानों ने तो पहले ही फसल को हंकवा दिया था, शेष 3 किसान फसल में एक चीरा लगा चुके थे। ओलावृष्टि से अफीम की फसल आड़ी पड़ गई और कई पौधों से डोड़े टूट कर गिर गए। इसके अलावा अन्य दो किसानों की अफीम फसल भी खराब हो गई। ऐसे में अफीम की खेती करने वाले किसान नारकोटिक्स विभाग को पूरी औसत देने को लेकर सकते में हंै। किसानों को चिंता सता रही हैं कि उन्होंने फसल में एक चीरा तो लगा दिया था, लेकिन उसके उपरांत ओलों की मार के बाद अब फसल इस लायक नहीं बची कि वह औसत को पूरी कर सके। इसको लेकर किसानों ने नारकोटिक्स विभाग में भी प्राथमिकी दर्ज करवा कर इस बात की सूचना दे दी है। किसानों का कहना है कि या तो इस फसल को हंकवा दिया जाए या फिर उनकी औसत कम की जाए। इस क्षेत्र में कुल 5 किसान अफीम की फसल कर रहे हैं। सभी के ही ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में उम्मेदगंज निवासी रामधन योगी को 10 आरी, रामस्वरूप मीणा को 10 आरी, कुन्ती बाई मीणा को 5 आरी, महाराजपुरा निवासी प्रेमचंद मीणा को 6 आरी, पप्पु प्रजापति को 6 आरी अफीम की खेती का लाइसेंस सरकार द्वारा दिया गया था।
गेहूं की फसल आड़ी पड़ी
जलवाड़ा. क्षेत्र के कई गांवों में शनिवार रात तेज हवा व बरसात के साथ हुई ओवावृष्टि से कई खेतों में गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई है। जिससे किसान मायूसी है। कदिली गांव के देव किशन गुर्जर के अनुसार तेज हवाएं चलने व करीब एक मिनट तक बैर के आकार के ओले गिरे हैं। जिससे लालाराम गुर्जर, ओम प्रकाश गुर्जर, छीतर लाल गुर्जर सहित अन्य किसानों के खेतों की गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई है। किसानों का कहना है कि फसल आड़ी पडऩे से गेहंू की ग्रोथ रूक जाएगी तथा फसलोत्पादन प्रभावित होगा। इसके अलावा खल्दा, खल्दी सहित अन्य गांवों में भी फसले आड़ी पड़ी है।
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