agriculture news : बारां. जिले में इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में लहसुन का रकबा करीब 5500 हैक्टेयर बढ़ गया है। गत दो वर्ष से लहसुन के अच्छे भावो के चलते जिले में इस बार करीब 37 हजार 800 हैक्टेयर में किसानों ने लहसुन की बुवाई की है। जबकि गत वर्ष 32 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। इस बार लहसुन की बुवाई जल्द ही शुरु हो गई थी। करीब 20 अक्टूबर से शुरु हुई लहसुन की बुवाई का सिलसिला दिसम्बर माह के प्रथम सप्ताह तक जारी रहा।
हालांकि जल्द बुवाई होने से मार्च माह के प्रथम सप्ताह में आने वाला लहसुन फरवरी माह में ही मंडी में पहुंचने लगेगा। इस बार लहसुन उत्पादक अन्य प्रदेशों मध्यप्रदेश व गुजरात में लहसुन का रकबा बढ़ा है। लहसुन मंडियों में करीब एक पखवाड़े से लहसुन के भावों में आई गिरावट के चलते बारां मंडी में भी आवक घट गई थी। पूर्व में 55 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक के लहसुन के रिकार्ड भाव तक पहुंच के बाद 35 से 40 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक अच्छी किस्म के लहसुन के भाव रहे। लेकिन वर्तमान में मंडी में शनिवार को बंद बाजार में लहसुन के भाव लुढक़ते हुए अधिकतम 25 हजार 510 रुपए तथा न्यूनतम 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर आ टिके। इसके चलते बड़े किसान भी अपने स्टॉक से लहसुन की बिकवाली करने लगे है। जिसके चलते मंडी में फिर से डेढ़ से दो हजार कट्टों की आवक होने लगी है। भावों में बड़ी गिरावट को लेकर लहसुन व्यापार संघ के अध्यक्ष जगदीश बंसल ने बताया कि एक्पोर्ट बंद हो जाने के कारण तथा बाजार में चोरी छिपे चाइना का लहसुन आने से यह हालात बने हैं।