बारां

संभाग में 1444 के लक्ष्य के विपरीत अब तक 537 करोड़ की ही वसूली

वर्ष 2024-25 में भी लक्ष्य के विपरीत अभी तक आधा राजस्व की नहीं मिल सका।

बारांOct 24, 2024 / 12:42 pm

mukesh gour

वर्ष 2024-25 में भी लक्ष्य के विपरीत अभी तक आधा राजस्व की नहीं मिल सका।

आबकारी विभाग : पूर्व की बकाया राशि भी बन रही गले की फांस

बारां. आबकारी विभाग के बहुतेरे जतन के बाद भी राजस्व वसूली में पसीने छूट रहे हैं। विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की छूट के बाद भी राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही है। संभाग में करीब एक हजार ठेकेदारों का ही गत तीन वर्षों में 370 करोड़ रुपए की बकायादारी है। वर्ष 2024-25 में भी लक्ष्य के विपरीत अभी तक आधा राजस्व की नहीं मिल सका।
पड़त रह गई दुकानें

आबकारी विभाग की कोटा संभाग में करीब 25 दुकानें पड़त रह गई। इनका दुकानों का उठाव नही होने के कारण भी विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही संभाग के वर्ष 2024-25 के राजस्व लक्ष्य 1444 के विपरित सितम्बर तक 537 करोड़ का राजस्व ही अर्जित हो पाया है। जबकि सितम्बर तक 730 करोड़ रुपए का लक्ष्य था।
बारां में बकाया 70 करोड़, प्राप्त 20 लाख

जिले में आबकारी विभाग की कई ठेकेदारों पर पूर्व की बकाया राशि चल रही है। वर्ष 2021 से 2023 तक 434 ठेकेदारों पर करीब 70 करोड़ की बकाया राशि चल रही है। जिसमें से महज 20 लाख के राजस्व की ही वसूली हो पाई है। आबकारी विभाग ने बकायादारों से वसूली के लिए कई छूट की योजनाएं जारी की हुई हैं। लेकिन फिर भी वसूली नहीं हो पा रही है। मार्च 2018 से पहले की बकाया राशि पर 25 प्रतिशत में सेटलमेन्ट के बाद भी वसूली नहीं हो सकी। 2018 से 2022 तक 50 प्रतिशत छूट, वहीं 2022 से 2024 तक ब्याज मुक्त वसूली की योजनाएं विभाग की ओर से जारी की हुई हंै।
हाड़ौती का हाल
बारां जिले में 303 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले अब तक केवल 119 करोड़, बूंदी में 242 के मुकाबले 87 करोड़, झालावाड़ में 329 के मुकाबले 121 और कोटा में 568 के मुकाबले 208 करोड़ रुपयों की ही वसूली की जा सकी है।
कहां कितनी दुकानें पड़त

हाड़ौती संभाग के बारां जिले में 169 दुकानों में से 5 पड़त हैं। बूंदी में 195 दुकानों में से 6, झालावाड़ की 160 दुकानों में से 3 और कोटा की 248 दुकानों में से 11 पड़त हैं।
पूर्व की बकायादारी को लेकर विभाग भरसक प्रयास कर रहा है। वसूली को लेकर जहां विभाग की ओर से विभिन्न छूट का प्रावधान तो है ही। अगर फिर भी वसूली नहीं होती है तो संबधित ठेकेदार की चल-अचल सम्पत्ति से वसूली की जाएगी। इसके लिए कई विभागों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है।
सहदेव रत्नु, जिला आबकारी विभाग, बारां

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