बारां. डिजिटल इंडिया भू- अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के तहत जिले की तीन और तहसील कार्यालयों को ऑनलाइन कर उनका आधुनिकीकरण करने की तैयारी की जा रही है। जिले में अब तक एक मात्र बारां तहसील कार्यालय का ही आधुनिकीकरण किया गया है। यह कार्य पूर्ण होने के बाद लघु व सीमांत आदि किसानों की संख्या, नाम, पते व जमीन का जातिवार एवं श्रेणीवार रिकॉर्ड उपलब्ध होगा। जिले में वर्ष 2015 में यह कार्यक्रम शुरू किया गया था। उसके बाद वर्ष 2018 में बारां तहसील को पूर्ण रूप से आधुनिकीकरण कर नोटिफिकेशन जारी किया गया। अब मांगरोल, अटरू व अन्ता का नोटिफिकेशन (अधिसूचना) करने की तैयारी है।
यह है मुख्य उद्देश्य
इसका मुख्य उद्देश्य भूमि अभिलेखों के प्रबंधन का आधुनिकीकरण, भूमि संपत्ति विवादों के दायरे को कम करने, भूमि अभिलेख रखरखाव प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाना है। भूमि स्वामित्व का फेरबदल, मानचित्रों का डिजिटलीकरण तथा आंकड़ों का एकीकरण, सर्वेक्षण, मूल भूमि के रिकॉर्ड समेत सभी भूमि अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण किया जाना है। इसके अलावा इससे बैंकों को खातेदार की जमीन रहन रखी होने की जानकारी सहजता से उपलब्ध हो जाएगी।
इनको मिलेगा यह लाभ
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत एक साथ लिखे खातेदारों के नाम, पतों को जातिवार अलग-अलग लिखा जा रहा है। इससे आम नागरिक भी सहजता से समझ सकता है। पंजीयन कार्यालय व तहसील कार्यालय को रिकार्ड संधारण रखने के लिए जोड़ा जाएगा। इससे पंजीयन कार्यालय में भूमि की रजिस्ट्री होने के बाद तहसील में भी तत्काल रिकॉर्ड देखा जा सकेगा। जमाबंदी की नकल के साथ किसानों को उसका नक्शा भी मिल जाएगा।
अब तक यह हुआ काम
डीआईएलआरएमपी के प्रथम चरण लैंड रिकॉर्ड सेगरिगेशन (राजस्व रिकॉर्ड में खातेदार का वास्तविक हिस्सा दर्ज करना) का कार्य जिले की शेष सातों तहसीलों में पूरा हो गया है। दूसरे चरण डिजिटाइजेशन केडेस्ट्रल मेप (पटवारी मानचित्र जिसमें भूमि स्वामित्व, कृषि क्षेत्रों, भवन तथा अन्य का विस्तार रहता है) के तहत बारां का नोटिफिकेशन हुआ है। अटरू, मांगरोल व अन्ता में यह काम आगामी फरवरी माह तक पूरा करने का लक्ष्य है। छबड़ा, छीपाबड़ौद व शाहाबाद में नक्शों का डिजिटलाइजेशन का कार्य जारी है। अन्ता व अटरू में भी अभी काम नहीं हुआ है। कार्यक्रम के तहत ई-धरती सॉफ्टवेयर में जमाबंदी का कार्य ऑनलाइन होगा।
बन रहे मॉर्डन रिकॉर्ड रूम
कार्यक्रम के तहत मॉर्डन रिकॉर्ड रूम बनाए जा रहे हंै। इसके तहत द्वितीय फेज का कार्य पूरा हो गया है तथा तीसरे फेज का काम फिलहाल पांच तहसीलों किशनगंज, शाहाबाद, बारां, छबड़ा, छीपाबड़ौद व मांगरोल में ही पूरा हुआ है। दो तहसीलों में काम अभी बाकी है।
आगामी 28 फरवरी तक तीन ओर तहसीलों का आधुनिकीकरण कर उनका नोटिफिकेशन कराने की तैयारी की जा रही है। प्रशासन पूरी तरह से काम कर रहा है। इसे जिला कलक्टर ने मिशन पॉसिबल नाम दिया है। इससे किसानों, तहसील कार्यालय व बैंकों आदि को खासी सुविधा मिलेगी।
संतोष कुमार मीणा, जिला नोडल अधिकारी, डीआईएलआरएमपी
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