ऐसे करते है ठगी
एपीके फाइल को जाने अनजाने में ओपन करते ही यह हमारे डिवाइस में ऑटो इंस्टॉल हो जाती है। इससे हमारे डिवाइस का एक्सेस साइबर अपराधियों के पास चला जाता है। साइबर अपराधी हमारे फोन के मैसेजेस रीड कर लेते हैं जिसमें सेंसिटिव फाइनेंशियल इनफॉर्मेशन जैसे ओटीपी, पिन नंबर आदि हैकर्स के पास चले जाते है। कंट्रोल साइबर अपराधी के पास चले जाने से वे हमारे खाते से अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या फंड ट्रांसफर करने में सक्षम हो जाते है। यह भी पढ़ें