बारां

कॉलेज का हाल देख रहे हो न सरकार, कैसे हो शिक्षा का उद्धार

राजकीय कॉलेज अंता में वैसे तो 6 करोड़ की लागत से नया कॉलेज भवन का परिसर तैयार है। अध्यापन कार्य भी शुरू हो गया है। लेकिन दूसरे चरण का निर्माण अभी भी बजट नहीं होने के अभाव के कारण रुका हुआ है।

बारांSep 03, 2024 / 12:47 pm

mukesh gour

राजकीय कॉलेज अंता में वैसे तो 6 करोड़ की लागत से नया कॉलेज भवन का परिसर तैयार है। अध्यापन कार्य भी शुरू हो गया है। लेकिन दूसरे चरण का निर्माण अभी भी बजट नहीं होने के अभाव के कारण रुका हुआ है।

13 में 9 ही व्याख्याता कार्यरत, कर्मचारियों के भी 10 पद खाली

Education News : अंता. राजकीय कॉलेज अंता में वैसे तो 6 करोड़ की लागत से नया कॉलेज भवन का परिसर तैयार है। अध्यापन कार्य भी शुरू हो गया है। लेकिन दूसरे चरण का निर्माण अभी भी बजट नहीं होने के अभाव के कारण रुका हुआ है। कॉलेज में 850 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। इतना सब कुछ होने के बाद भी कॉलेज भी कई असुविधाओं से आज भी जूझ रहा है। इसमें 13 पदों में 9 ही व्याख्याता कार्यरत हैं। वही मंत्रालयिक की कर्मचारियों की बात करें तो उसके भी 10 पद, जिनमें लाइब्रेरियन 1, प्रयोगशाला सहायक 1, सहायक कर्मचारी 2, आंसू लिपिक 1 के अलावा भी कई पद खाली हैं। इन खाली पदों के कारण कॉलेज के अध्यापन व मैनेजमेंट के कार्य में कई असुविधाओं का सामना कॉलेज प्रशासन व छात्र-छात्राओं को करना पड़ रहा है। उपखंड का इलाका बड़ा होने के कारण हजारों छात्र छात्राओं को इसी कॉलेज पर निर्भर रहना पड़ रहा है। दूर-दूर के गांवों और कस्बों से यहां बच्चे अपना भविष्य बनाने आते हैं। ऐसे में यहां फेकल्टी व दूसरी अन्य कमियों के कारण उनके लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा पैदा हो रही है। इसके अभाव में छात्र छात्राओं को पढऩे के लिए कोटा, मांगरोल, सीसवाली या बारां के कॉलेजों का रुख करना पड़ता है। ऐसे में न केवल धन बल्कि समय की भी बर्बादी होती है।

ये है असुविधाएं

दूसरे चरण में बजट नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य रुक गया। इसके कारण कई सुविधाएं कॉलेज प्रशासन सहित छात्र-छात्राओं को नहीं मिल सकी। कॉलेज मेें कंप्यूटर लैब बनी हुई है, मगर उनमें कंप्यूटर नहीं लगे हैं। पीने के मीठे पानी के अभाव के लिए नल कनेक्शन के लिए कॉलेज प्रशासन ने आवेदन कर रखा है, लेकिन पाइपलाइन की दूरी ज्यादा होने की वजह से यह काम भी रुका हुआ है। वहीं कॉलेज में पार्किंग का भी अभाव है।कॉलेज में खाली पदों के अभाव में जो भी शिक्षण व मैनेजमेंट में बाधा आ रही है, उसके लिए विद्या संबल अभियान के तहत रिक्त पदों पर भर्तियां की जाएगी। इससे कॉलेज की व्यवस्थाओं में सुधार होगा।

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