शाहाबाद/शुभघरा. शाहाबाद क्षेत्र के जंगलों के लिए और वन्यजीव प्रेमियों के लिए सोमवार की सुबह निराशाजनक खबर लेकर आई। घाटी क्षेत्र में एक मादा पैंथर का शव हाइवे पर पड़ा मिला। राहगीरों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मादा पैंथर का शव कब्जे में लेकर क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय लाया गया।
लिवर क्षतिग्रस्त, सिर में भी आई थी गंभीर चोट क्षेत्रीय वन अधिकारी मोहम्मद हफीज ने बताया कि सोमवार को मादा पैंथर की मौत के मामले में माना जा रहा है कि अपने ट्रैक से होकर दिन में जहां विश्राम करती होगी, वहां के लिए निकली होगी। सुबह किसी अज्ञात वाहन ने इसे अपनी चपेट में ले लिया। इससे इसकी मौके पर ही मौत हो गई। विस्तृत जानकारी तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार यह मादा थी। इसकी उम्र तीन साल बताई जा रही है। वाहन की टक्कर से उसके सिर में गंभीर चोट है। एक हड्डी टूटी है। उसका लिवर भ्ज्ञी फट गया है। साथ ही पैर में भी चोट है। उल्लेखनीय है कि 2 साल पूर्व भी एक मादा पैंथर की सूखा नाला क्षेत्र में हीट स्ट्रोक से मौत हो गई थी। उसका शव 2 दिन बाद मिला था।
वन विभाग पहुंचा सूचना पर वन विभाग की टीम दुर्घटना स्थल पर पहुंची और मादा पैंथर की शव को कब्जे में लेकर शाहाबाद पहुंची। जहां से उसे आवश्यक कार्रवाई के बाद शाहाबाद पशु चिकित्सालय ले जाया गया। जहां चिकित्सकों के बोर्ड से पैंथर के शव का पोस्टमार्टम कराया और इसके बाद शिवपुरी रोड स्थित नर्सरी परिसर में मादा पैंथर का अंतिम संस्कार (दाह संस्कार) किया गया। इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, तीनों चिकित्सकों सहित वन विभाग के कर्मचारी, पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।
आखिर क्यों नहीं बना रहे सुरक्षा दीवार क्षेत्र के वन्यजीव प्रेमियों में इस घटना से निराशा है। एक और पैंथरों का कुनबा बढ़ाने और इनका मूवमेंट नजर आने से लोग उत्साहित थे। लोगों का कहना है कि हाइवे का निर्माण पूरा होने के समय से ही सुरक्षा दीवार की मांग लगातार उठाई जा रही है। लेकिन यह अब तक नहीं बनी। लेकिन यह सुरक्षा दीवार कब और कैसे और क्यों नहीं बन पा रही है, इसका जवाब कोई अधिकारी नहीं दे पा रहा। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में वन्य जीवों की सुरक्षा करनी है तो सुरक्षा दीवार के साथ-साथ और भी कदम उठाए जाने चाहिए। इसमें कॉरिडोर निर्माण, पानी की व्यवस्था अहम है। वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगाने के लिए जगह-जगह संकेतक बोर्ड लगाए जाने आवश्यक हैं।
पहली बार नहीं हुआ क्षेत्र में हाइवे गुजरने के बाद से लगातार वन्यजीवों की दुर्घटनाओं में मौत होती रही है। खासकर पैंथर, जरख, नीलगाय, भालू की मौत मुख्य रूप से इसमें शामिल हैं। इसके अलावा छोटे-मोटे वन्यजीवों की मौत कई बार होती रहती है। परंतु इस अ श्रेणी के वन्यजीव की मौत होने के बाद यह सवाल उठता है कि वन विभाग उनकी सुरक्षा के लिए गंभीरता से प्रयास क्यों नहीं कर रहा।
जंगल में पानी के लिए नहीं बनाया है पॉइंट क्षेत्र का जंगल कूनो नेशनल पार्क तक फैला होने के बाद भी यहां के जंगलों में चीतों का आना-जाना भी रहता है। वन्यजीवों के लिए यहां पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण ये सडक़ों का रुख करने लगे हैं। वन विभाग को गश्त कर जीवों की गणना कर उनका ध्यान रखना चाहिए।