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झालावाड़ में इस बार रावण तभी मरेगा जब कवि सम्मेलन होगास्वाइन फ्लू, डैंगू और स्क्रब टायफस जैसी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप के बावजूद ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाएं बेहद बुरे दौर से गुजर रही हैं। हालात यह है कि अस्पतालों में चिकित्सक तक तैनात नहीं हैं। जिसके चलते बारां जिले के तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर महीनों से ताले लटके हुए हैं। सरकार ने बारां के पाली के प्राथमिक चिकित्सा स्वास्थ्य केन्द्र को मार्च 2017 में पीपीपी मोड पर दे दिया था। जिसके बाद से पाली स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े 8 प्राथमिक उपस्वास्थ्य केन्द्रों बापचा, तेलनी, हानाहेड़ी, सेमली, पचपाड़ा, घाटाखेड़ी, भंवर, झरखेड़ी पर ताले लटके हुए हैं।
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#sehatsudharosarkar डेंगू और स्क्रब टायफस से हुई आधा दर्जन लोगों की मौत ठप हुई स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बारां जिले में पाली केन्द्र डिलीवरी पॉइंट है, लेकिन पर्याप्त स्टॉफ के अभाव में प्रसव के लिए महिलाओं को भटकना पड़ रहा है। वहीं टीकाकरण कार्य सहित अन्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। इन दिनों मौसमी बीमारियों का जोर चल रहा है और ऐसे में सब सेंटरों पर ताले पड़े होने से हालात खराब हैं। ग्रामीण का कहना है कि प्रसव वेदना से तड़पती महिलाओं को छबड़ा लाना पड़ता है। ऐसे में इनकी जान पर बन आती है। Read More: आशा पारीक के हत्यारों को हुई उम्रकैद, कोटा की एडीजे कोर्ट ने सुनाई सजा
आयुष चिकित्सकों के भरोसे मरीज छबड़ा ब्लॉक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एलआर मालव ने बताया कि मार्च के महीने में पीपीपी मोड की व्यवस्था समाप्त होने के बाद से ही से पाली एवं इससे जुड़े सब सेंटरों पर चिकित्सा स्टॉफ नहीं है। पाली में अपने स्तर पर व्यवस्था की गई है, लेकिन सब सेंटरों पर ताले लगे हैं। जैपला को छोड़ कर सभी केन्द्रों पर आयुष डॉक्टर वैकल्पिक रूप में लगा रखे हैं। स्टॉफ लगाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है। टीकाकरण व मौसमी बीमारियों से बचाव से संबंधित कार्य आशाओं व अन्य केन्द्रों की एएनएम से करवाए जा रहे है।
आयुष चिकित्सकों के भरोसे मरीज छबड़ा ब्लॉक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एलआर मालव ने बताया कि मार्च के महीने में पीपीपी मोड की व्यवस्था समाप्त होने के बाद से ही से पाली एवं इससे जुड़े सब सेंटरों पर चिकित्सा स्टॉफ नहीं है। पाली में अपने स्तर पर व्यवस्था की गई है, लेकिन सब सेंटरों पर ताले लगे हैं। जैपला को छोड़ कर सभी केन्द्रों पर आयुष डॉक्टर वैकल्पिक रूप में लगा रखे हैं। स्टॉफ लगाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है। टीकाकरण व मौसमी बीमारियों से बचाव से संबंधित कार्य आशाओं व अन्य केन्द्रों की एएनएम से करवाए जा रहे है।