नागर ने बताया कि रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद तत्काल प्रभाव से गांव में टीम भेजी गई। यहां टीम ने गांव में पहुंच कर ग्राम बाल्दा तहसील के परिवार से संपर्क किया गया। पिता बबलू लोधा ने बताया कि बच्ची को 3 महीने पहले सर्दी, जुखाम और बुखार कि शिकायत होने पर झालावाड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सेहत में सुधार नहीं होने पर जेके लोन हॉस्पिटल कोटा रेफर किया गया।
14 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा
यहां मासूम के सैंपल लिए गए थे। मासूम को 2 अक्टूबर 2024 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 9 अक्टूबर को मासूम एचएमपीवी वायरस से ग्रसित पाई गई थी। इसके बाद बच्ची को 14 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया था। मासूम करीब 25 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रही थी।अब मासूम स्वस्थ
इसके बाद निजी अस्पताल में भी उसका इलाज चला था। स्वस्थ होने पर मासूम को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद सारथल पीएचसी चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर नंदकिशोर वर्मा की निगरानी में 3 टीमों को गांव में भेजा गया। गांव के सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। वहीं सर्दी-जुखाम से पीड़ित मरीजों को मास्क पहनने की हिदायद दी गई। यह वीडियो भी देखें
प्रदेश में दूसरा मामला
आपको बता दें कि राजस्थान में इस वायरस से संक्रमित होने का यह दूसरा मामला है। पहला मामला राजस्थान के डूंगरपुर में सामने आया था। डूंगरपुर जिले के साबला ब्लॉक अंतर्गत ढाई माह के मासूम की तबीयत खराब होने पर उसे सागवाड़ा चिकित्सालय में 22 दिसंबर को भर्ती कराया था। यह भी पढ़ें