बारां. सरकार की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नामांकित 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को 14 दिसम्बर से निशुल्क दूध वितरित किया जाएगा। इस संबंध में दिशा-निर्देश तो जारी कर दिए गए, लेकिन अब तक केन्द्रों पर दूृध पावडर तक का अतापता नहीं है। अब योजना शुरू होने में एक दिन का समय शेष है। राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के परिवर्तित बजट प्रदेश में मुख्यमंत्री अमृत आहार (आंगनबाड़ी दुग्ध वितरण योजना) शुरू करने की घोषणा की थी। इसके तहत 3 से 6 वर्ष के बच्चों को स्किम्ड मिल्क पाउडर (स्टेण्डर्ड ग्रेड) स्प्रे ड्राइड से तैयार गरम मीठा दूध पिलाया जाएगा। अब एक दिन का समय शेष है। इस एक दिन में प्रदेश के हजारों आंगनबाड़ी केन्द्रों तक मिल्क पाउडर पहुंचाना और वितरण कर योजना को लागू कराना विभाग के लिए ही चुनौती से कम नहीं है। जिले मेंं ही 1630 आंगनबाड़ी हैं। इन पर करीब 45 हजार बच्चों को दूध पिलाया जाएगा।
सप्ताह में 3 दिन मिलेगा 100 एमएल योजना के तहत तैयार दूध सप्ताह में 3 दिवस मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को बच्चों को आंगनबाडी केन्द्र पर ही पिलाया जाएगा। प्रति लाभार्थी को 10 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर (दो चम्मच) से 100 मिली व दूध तैयार होगा। इस प्रकार प्रत्येक बच्चे को 100 मिली गरम मीठा दूध केन्द्र पर ही पिलाया जाएगा। दूध मीठा करने के लिए प्रति लीटर करीब 40 ग्राम चीनी की आवश्यकता होगी। चीनी का वर्तमान खुदरा भाव करीब 50 रुपए प्रति किलोग्राम है। प्रति लाभार्थी प्रति दिवस करीब 04 ग्राम चीनी का उपयोग किया जाएगा। इस पर 0.20 रुपए व दूध गरम करने के लिए ईंधन व बर्तन सफाई (कुङ्क्षकग कंवर्जेशन) के लिए 0.25 रुपए प्रति लाभार्थी प्रति दिवस तय किया गया है। इस तरह प्रति लाभार्थी प्रतिदिन 0.45 रुपए दिए जाएंगे।
योजना में किया जाएगा त्रेमासिक आवंटन विभाग से जारी दिशा-निर्देशों के तहत आंगनबाड़ी पर बच्चों की उपस्थिति पोषण ट्रेकर एप्प पर दर्ज की जाएगी। इसी आधार पर सत्यापित लाभान्वितों की संख्या के अनुसार त्रैमासिक आधार पर स्किम्ड मिल्क पाउडर का आवंटन किया जाएगा। पोषण ट्रेकर में दर्ज की गई लाभार्थियों की संख्या का माह की अन्तिम तारीख को सत्यापन किया जाएगा। इस आधार पर ही आगामी त्रैमास की आवश्यकता का मिल्क पाउडर आंवटित किया जा सकेगा। किसी आंगनबाड़ी का मिल्क पाउडर का आवंटन नहीं होने पर विभागीय मेल पर 3 दिवस में सूचना देनी होगी। आवंटन प्राप्त नहीं होने के लिए सीडीपीओ जिम्मेदार होंगे।
ऐसे होगगी प्राप्ति, निरीक्षण एवं सत्यापन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही स्किम्ड मिल्क पाउडर की आपूर्ति लेंगी तथा स्टॉक मं दर्ज करेंगी। प्राप्ति के समय पैकेट कटे-फटे, क्षतिग्रस्त एवं भीगे हुए नहीं होने चाहिए। आवश्यक परिस्थितियों में कार्यकर्ता की अनुपस्थिति में सहायिका भी आपूर्ति लेकर प्राप्ति रसीद दे सकेंगी। अनलोङ्क्षडग व्यय आपूर्तिकर्ता द्वारा वहन किया जाएगा। भण्डारण इस प्रकार किया जाए कि किसी भी स्थिति में यह खराब नहीं हो। बच्चों को दूध उपलब्ध कराए जाने की प्रभावी मॉनिटङ्क्षरग की जाएगी। महिला पर्यवेक्षक निरीक्षण के दौरान केन्द्र पर स्किम्ड मिल्क पाउडर प्राप्ति एवं वितरण का सत्यापन करेंगी।
निर्देशों के तहत 14 दिसंबर से योजना लागू की जानी है। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। अब आरसीडीएफ से स्किम्ड मिल्क पाउडर की आपूति का इंतजार है। सरकार की इस योजना से बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ होगा।
रवि मित्तल, कार्यवाहक उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग