अद्भुत है महिला के जिंदा बचने की कहानी
दरअसल जनपद हमीरपुर में 16 घंटे तक एक महिला लकड़ी के तख्ते के सहारे यमुना नदी में बहती रही और मछुआरों ने उसकी जान बचाई। यह 50 वर्षीय महिला जय देवी जालौन जनपद के कदौरा थाना क्षेत्र में स्थित लिची का डेरा शारदा नगर की निवासी है। महिला जब अपने खेतों की तरफ गई थी, तभी अचानक पैर फिसलने से वह किलंदर नाले में गिर गई। बारिश की वजह से नाले का बहाव काफी तेज था, जिसके चलते वह नाले से यमुना नदी में जा पहुचीं। नदी में उतराते समय उसने एक लकड़ी के तख्ते को पकड़ लिया और उसी के सहारे वह बहने लगी। पूरी रात लकड़ी के सहारे वह बहते हुए अपने गांव से करीब 25 किमी दूर मनकी गांव के पास पहुंची।
हमीरपुर के कुरारा के मनकी गांव के किनारे मौजूद ग्रामीणों ने उसे देखा और मछुआरों की मदद से बाहर निकलवाया। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया और उसका इलाज करवाया। फिर उसके बताए हुए पते पर महिला के परिजनों को सूचना दी तो महिला का पुत्र राहुल, पुत्री विनीता वहां पहुंचे। दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने महिला उनके साथ भेज दिया। वहीं नदी में बहते हुए जालौन से हमीरपुर पहुंचने वाली महिला को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है।
15 किमी दूर मिले देवदूत
वहीं जनपद बाराबंकी में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया। जहां एक भाई-बहन के रिश्ते को शर्मसार कर देने वाली घटना हुई। यहां एक युवती को उसके भाई ने ही संपत्ति के लालच में सरयू नदी के पुल से नदी में फेंक दिया। भाई अपनी बहन को लखनऊ दवाई दिलाने के बहाने लेकर आया था और यहीं से वापस जा रहा था, तभी बाराबंकी जिले में सरयू नदी के पुल के ऊपर गाड़ी पंचर होने का बहाना कर युवती को बाहर उतारा और पुल से नदी में फेंक दिया। युवती नदी में बहती हुई आगे पहुंची, तो उसको डूबता देखकर ग्रामीणों ने नदी में नाव से जाकर युवती को बाहर निकाला। जिससे उसकी जान बच गई। पीड़िता ने बताया कि उसे उसके भाई ने नदी में फेंका था। तेलवानी गांव के लोगों ने उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया। छह घंटे के दौरान वह 15 किलोमीटर नदी में बहती हुई गांव पहुंची थी। झाड़ियों और किनारा पकड़ते पकड़ते उसने खुद को बचाये रखा और जब ग्रामीणों ने उसे नदी में बहता देखा तो नाव से जाकर उसे बाहर निकाला। उसे जीवित देख कर सभी केवल यही बोल रहे थे कि जाको राखे साइंया मार सके न कोए।