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बाराबंकी

जनपद में परिवार नियोजन के लिए 85 महिलाओं ने कराई नसबंदी

परिवार नियोजन विशेषज्ञ जुबैर अंसारी ने बताया जनपद में 11 से 31 जुलाई तक चलाये गए परिवार नियोजन पखवाड़ा में जहां 85 महिलाओं ने अपनी नसबंदी कराई, तो वहीं पुरुष की संख्या महज दो है।

बाराबंकीAug 16, 2020 / 11:16 am

नितिन श्रीवास्तव

जनपद में परिवार नियोजन के लिए 85 महिलाओं ने कराई नसबंदी

जनपद में परिवार नियोजन के लिए 85 महिलाओं ने कराई नसबंदी

बाराबंकी. पुरुषों की अपेक्षा महिलाए बढ़ती जनसंख्या पर अधिक चिंतित हैं। जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों को समझते हुए उन्होंने छोटा परिवार सुखी परिवार के साथ सुखी देश व सुखी समाज का भी नारा जोड़ दिया है। जनसंख्या वृद्धि दर में कमी लाने के लिए वह खुद खड़ी होकर तेजी से परिवार नियोजन साधन अपना रही हैं। इसमें गर्भ निरोधक गोलियों के साथ साथ नसबंदी भी करा रही हैं। स्थानीय जनपद में चलाये गये पखवाड़े में 85 महिलाएं व दो पुरुषों ने अपनी नसबंदी कराकर परिवार नियोजन के स्थायी साधन को अपनाया।
परिवार नियोजन विशेषज्ञ जुबैर अंसारी ने बताया जनपद में 11 से 31 जुलाई तक चलाये गए परिवार नियोजन पखवाड़ा में जहां 85 महिलाओं ने अपनी नसबंदी कराई, तो वहीं पुरुष की संख्या महज दो है। इससे यह साफ हो जाता है कि पुरुष अब भी नसबंदी कराने से डर रहे हैं । सरकार की ओर से प्रति नसबंदी कराने वाले व्यक्ति को 3000 रुपये देने की व्यवस्था है। इसके बावजुद पुरुष जन्संख्या वृद्धि को रोकने में अपनी सहभागिता नहीं दे रहे हैं। नसबंदी को लेकर पुरुषों में आज भी वहम और भ्रम का माहौल है।
उन्होंने बताया 85 महिलाओं व दो पुरुषों ने स्थायी साधन को अपनाकर नसबंदी कराई । इससे यह साफ हो जाता है कि पुरुष अब भी नसबंदी कराने से डर रहे हैं। साथ ही महिला व पुरुषों ने अस्थायी साधन भी अपनाए हैं । इसमे 666 महिलाओं ने आईयूसीडी, 337 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, 1306 ईसीपी पिल्स, 378 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया, 7899 महिलाओं ने छाया गर्भनिरोधक गोली लिया है 65155 पुरुषों ने निरोध अपनाया है।
नोडल अधिकारी का कहना है कि आशा एवं एएनएम के सहयोग से 21 साल से 49 साल तक के योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के साथ सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि के विषय में भी जानकारी दी गई। उनका कहना है कि लोगों को अस्थाई एवं अस्थाई साधनों के प्रयोग के लिए जिला पुरूष अस्पताल, महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोंडोम ,गर्भनिरोधक गोली एवं अंतरा इंजेक्शन समेत अन्य की उपलब्धता भी बढ़ायी गई।
पुरूष नसबंदी से सेक्स पॉवर में नहीं होती कमी

डिप्टी सीएमओ एवं सर्जन डा राजीव सिंह ने बताया जब फैमिली प्लानिंग की बात आती है तो हमेशा से ही महिलाओं को इसका जिम्मा सौप दिया जाता है। गर्भ निरोधक गोली खानी हो या नसबंदी करवाना हो, महिलाएं ही आगे आती हैं। पुरूष हमेशा अस्थाई साधन इस्तेमाल करते है और नसबंदी करवाने से बचते हैं जबकि पुरूष नसबंदी महिला नसबंदी से आसान है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि ज्यादातर पुरूष सोंचते है कि नसबंदी करवाने से उनके पुरूषार्थ में कमी आ जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, पुरूष नसबंदी से सेक्स ताकत में कोई कमीं नही आती है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी अपनाने वाले पुरुषों को प्रोत्साहन राशि के रुप में 3,000 रुपये और महिलाओं को 2,000 रूपये की राशि दी जाती है। साथ ही नसबंदी के लिए दंपति को अस्पताल लाने वाली आशाओं को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये और महिला नसबंदी पर 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दीजाती है। अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं को 200 रुपये की राशि दी जाती है। वहीं इन महिलाओं को लाने वाली आशा कार्यकर्ता को 100 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

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