मनरेगा योजना में बड़ा खेल यह मामला बाराबंकी के फतेहपुर ब्लॉक में स्थित ग्राम पंचायत खापुराव खानपुर और बिहुरा का है। यहां मनरेगा योजना के तहत हो रहे कच्ची सड़क के मरम्मत के काम में कई बच्चे काम कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी से लेकर कार्य स्थल पर काम कराने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा इनकी अनदेखी की जा रही है। वैसे तो बाल श्रम कराना कानूनन अपराध है। लेकिन यहां न तो काम कराने वालों को इसका डर है और न ही करने वालों को।
दूसरे जिलों से बुलाकर नाबालिगों से लिया जा रहा काम मौके पर काम कर रहे कई नाबालिग मजदूरों ने बताया कि उन्हें सीतापुर जिले से काम करने के लिए यहां लाया गया है। बच्चों ने बताया कि उनका जॉब कार्ड नहीं बना हुआ है। यहां पर वह कच्ची सड़क की रिपेयरिंग का काम कर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मजदूरी कर रहे इन बच्चों का जब जॉब कार्ड ही नहीं बना तो इनका पैसा इनको कैसे मिल रहा है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई वहीं इस मामले में डीसी मनरेगा ने कहा कि इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगकर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। मनरेगा में नाबालिग बच्चों से काम कराना अवैध और नियम विरुद्ध है। यह बिल्कुल नहीं होना चाहिये। हम जांच करवाकर उचित एक्शन लेंगे। वहीं बाराबंकी की सीडीओ एकता सिंह ने भी जांच करने के बाद ही कुछ बोलने की बात कही है।