मामला बाराबंकी के यंग स्ट्रीम इंटर कॉलेज के छात्र आलोक मिश्रा से जुड़ा है। आलोक ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 93.5 परसेंट मार्क्स लाकर प्रदेश में सातवां स्थान हासिल किया था। जिसके बाद 29 मई को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आलोक को भी प्रशस्ति पत्र के साथ एक लाख का का चेक दिया था। आलोक ने परिजनों के साथ जाकर देना बैंक के खाते में अपनी चेक लगायी थी। लेकिन दो दिन बाद बैंक अधिकारियों ने चेक बाउंस होने की सूचना दी। चेक बाउंस होने की वजह साइन का मिलान न हो पाना बताया गया।
चेक बाउंस होने से हैरान और निराश आलोक मिश्रा ने बताया कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल मेरिट में मैंने सातवां स्थान हासिल किया था। मैं अपनी कामयाबी से बहुत खुश था क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में मुझे सम्मानित करने के लिए 29 मई को लखनऊ के लोहिया विश्विद्यालय में बुलाया था। सीएम योगी ने मेरी सफलता को सराहते हुए मुझे सम्मानित किया और एक लाख रुपए का चेक दिया। इस चेक को कैश कराने के लिए मैंने देना बैंक में अकॉउंट खुलवाया था। अकॉउंट खुलने के बाद जब मैंने उसमें अपना चेक लगाया तो दो दिन बाद मुझे पता चला कि चेक की साइन मैच न करने के चलते बाउंस हो गया है। ये बात जानकार मैं हैरान रह गया और डीआईओएस ऑफिस फोन करके मामले की जानकारी दी, लेकिन वहां से पता चला कि वह इलाहाबाद गए हैं। आलोक मिश्रा ने बताया कि उसके लिए ये सब चौंकाने वाला था, क्योंकि उसे वह चेक खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों से दी थी।
वहीं इस मामले पर बाराबंकी के जिलाधिकारी उदय भानु त्रिपाठी ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मामला है और इसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।