धार्मिक कार्यक्रम पर पाबंदी क्यों? मौलाना कल्बे जवाद ने धार्मिक कार्यक्रमों पर सरकार की पाबंदियों के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या सियासी लोगों पर कोविड हमला नहीं करता। सिर्फ धार्मिक लोगों पर ही कोविड हमला करता है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कोरोना की दोस्ती सभी राजनीतिक पार्टियों से है। जबकि धार्मिक लोगों से कोरोना की दुश्मनी है। कल्बे जवाद ने मोहर्रम पर योगी सरकार द्वारा कोविड नियमों के तहत पाबंदी लगाने पर साफ कहा कि अखिलेश यादव ने हजारों लोगो के साथ रैली निकाली और गृह मंत्री अमित शाह ने 50 हजार से ज्यादा लोगों के साथ रैली की। अगर इन पर पाबंदी नहीं लग सकती तो योगी सरकार मुहर्रम में ताजिये रखने और कोविड नियमों के तहत उन्हें उठाने की इजाजत दे।
असदुद्दीन ओवैसी पर भी साधा निशाना इसके अलावा मौलाना कल्बे जवाद ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ओवैसी मुसलमानों के जज्बातों को उभारते हुए उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। सारे मुस्लिम अगर एक भी हो गए तो सिर्फ 20 फीसदी ही रहेंगे। मौलाना ने कहा कि मुझे यह बताएं कि ओवैसी साहब जो भड़का रहे हैं, उनके हिसाब से अगर सभी मुस्लिम एक भी हो गए, तो केवल 20 प्रतिशत ही रहेंगे। 40 प्रतिशत तो हो नहीं जाएंगे। इसका नुकसान यह होगा कि मुस्लिम सभी को अपने खिलाफ सबको भड़का देंगे। मौलाना ने हिंदू और मुस्लिमों को आपस में प्यार-मोहब्बत से रहेन और चुनाव लड़ने के लिये कहा। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि हम लोग ऐसे लोगों को चुनाव जिताएं जो हिन्दू-मुस्लिम एकता का का ध्यान रखें। न कि मुस्लिमों को समाज से अलग करें।
हिन्दू-मुस्लिम में होने वाली शादियों पर भी सख्त ऐतराज इसके अलावा मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने हिन्दू-मुस्लिम में होने वाली शादियों पर भी सख्त ऐतराज जताया। मौलाना ने कहा कि हमारे इस्लामिक कानून के हिसाब से सिर्फ मुस्लिम की शादी मुस्लिम से हो सकती है। एकता का मतलब यह है कि हम एक दूसरे को बुरा भला न कहें। अब कोई कहीं शादी कर ले, इससे हमसे मतलब नहीं है, लेकिन शरियत के हिसाब से शादी हिन्दू-मुस्लिम में नहीं हो सकती। उन्होंने मुसलमानों को ऐसी शादियों से बचने की नसीहत दी है। उन्होंने लोगों को अंतर-धार्मिक शादियों के नुकसान के बारे में जागरूक करने की अपील भी की।