यह भी पढ़े – AIMIM अध्यक्ष शौकत अली के बिगड़े बोल, कहा- हम इज्जत के साथ दो निकाह करते हैं लेकिन हिंदु तो… सर्वे में करीब आधा दर्जन मदरसे बंद मिले बाराबंकी में जांच के दौरान करीब एक महीने के बाद कमेटी को जिले में 102 मदरसे बिना मान्यता के चलते मिले। इनमें करीब 400 शिक्षक व सात हजार छात्र अध्ययनरत हैं। अधिकारियों के अनुसार, अधिकतर मदरसे दारूल उलूम नदवा लखनऊ व देवबंद से संबद्ध कर संचालित होते पाए गए तो कई चिटफंड से कमेटियां बनाकर संचालित हो रहे थे। सर्वे में करीब आधा दर्जन मदरसे बंद भी मिले। सर्वे में कई मदरसों में बैठने की सुविधा ठीक नहीं मिली तो कहीं बच्चों के हिसाब से शिक्षकों की संख्या पर्याप्त नहीं थी। सर्वे में एक-एक मदरसे का ब्यौरा अलग-अलग रखा गया है। बता दें कि बाराबंकी जनपद में मदरसों का सर्वे पूरा होने को है। शासन द्वारा केवल सर्वे कराने का निर्देश दिया गया था। मदरसों में कमियां पाये जाने पर कार्रवाई आदि का कोई निर्देश नहीं था। पूरी रिपोर्ट 25 अक्तूबर तक शासन को भेज दी जाएगी।
यह भी पढ़े – यूपी में ग्रामीण आवास योजना के तहत मिल रहे मुफ्त के घर, ऐसे करें फटाफट आवेदन जानें किस जिले में कितने अवैध मदरसे मिले इसके अलावा कानपुर में जांच के दौरान 86 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। यहां अभी तक 66 मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है। अयोध्या में 143 में से 55 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं। जांच में खुलासा हुआ कि जिले के रुदौली में 21, मिल्कीपुर में 10, सदर तहसील में 9, बीकापुर में 6 बिना मान्यता के मदरसे चल रहे हैं। जबकि प्रयागराज में 269 मदरसे चल रहे हैं, इनमें से 78 मदरसे ऐसे हैं, जो बिना मान्यता के चल रहे हैं। प्रयागराज में 78 मदरसों में लगभग 15 हजार की संख्या में छात्र पढ़ाई करने की जानकारी मिली है। मुरादाबाद में 585 मदरसे संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 175 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं। सहारनपुर में देवबंद के क्षेत्र में 100 मदरसे अवैध हैं। जबकि आगरा में 97 मदरसों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें से 10 मदरसे गैर तरीके से संचालित हैं।