कई गांवों पर कटान का खतरा सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के टेपरा में घाघरा की बाढ़ (Ghaghra Flood) कटान का खतरा बना हुआ है। नदी के तट पर रहने वाले दर्जनों लोगों ने ठिकाना बदलना शुरू कर दिया है। बाढ़ कार्य खंड की ओर से कटान रोकने के लिए बोरियों में ईंट भरकर कटान स्थल पर डाला गया है। टेपरा के बाद रामनगर क्षेत्र के कोरिनपुरवा और दुर्गापुर गांव की ओर भी पानी का बहाव देखकर ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। प्रशासन ग्रामीणों को नदी के किनारे से हटने के लिए आगाह कर रहा है। मुख्य कटान वाले स्थान पर बाढ़ कार्य खंड के अधिकारियों ने बोरियों में मिट्टी और ईंट भरकर डलवाना शुरू किया है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि अभी बाढ़ का खतरा नहीं है लेकिन खेतों की जमीन कट रही है, जो चिंता का विषय है।
प्रशासन से सहायता की मांग वहीं नदी के तट पर बसे ग्रामीणों का कहना है कि उनके खेत नदी में कट रहे हैं। उनके घर पर भी कटान का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीण प्रशासन से उन सभी की सहायता किये जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं कई ग्रामीण बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों से ग्रामीण नाखुश नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके खेत नदी में पहले ही कट चुके हैं, अब उनके घर भी नदी में बहने वाले हैं। ईंट डलवाने का काम से भी हम लोगों को कई खास फायदा नहीं मिल रहा। हम लोगों के सामने जिंदगी गुजारने का संकट खड़ा हो रहा है।
जलस्तर की मॉनिटरिंग जारी वहीं बाराबंकी बाढ़ (Barabanki Flood) की स्थिति को लेकर जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह ने बताया कि रोज नदी के जलस्तर की मॉनिटरिंग की जा रहा है। बाढ़ वाले इलाके में तैनात अधिकारी और कर्मचारी हमे लगातार अपडेट कर रहे हैं। डीएम ने कहा कि अभी किसी तरह के खतरे की बात नहीं है, लेकिन टेपरा, दुर्गापुर समेत 10 से 15 गांवों में नदी की कटान शुरू हो चुकी है। फिलहाल हम लोग नदी की कदान को कम करने और बहाव को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं।