सांसद ने मुख्यमंत्री को लिखा खत हम बात कर रहे हैं कि बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर विकासखंड में बने संयुक्त चिकित्सालय की। चिकित्सकीय सेवाओं में बेहतरी के उद्देश्य से पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के प्रयासों से करीब 31 साल पहले बनकर तैयार हुए इस अत्याधुनिक सौ बेड के अस्पताल में जरूरत के मुताबिक अब तक स्टॉफ की तैनाती नहीं हो सकी। इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल सका। यहां रखे करोड़ों की लागत वाले उपकरण गोदामों में धूल फांक रहे हैं। इस अस्पताल में चिकित्सकों के 36 और टेक्नीशियन के 17 पद हैं। जिसके सापेक्ष केवल नौ डॉक्टरों की यहां तैनाती है। हड्डी रोग, फिजीशियन, महिला रोग विशेषज्ञ और सर्जन यहां नहीं हैं। बाल रोग विशेषज्ञ और नेत्र सर्जन के अलावा केवल जनरल डॉक्टरों के सहारे ही यह अस्पताल चल रहा है। अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने, प्रसव कराने के अलावा एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे की भी सुविधा है। कई तरह के अत्याधुनिक उपकरण स्थापित नहीं किए गए हैं क्योंकि उसके लिए यहां पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं इसलिए इनका सदुपयोग नहीं हो पाता है। ऐसे में अगर अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती हो जाए तो बेहतर चिकित्सा सेवाएं शुरू हो जाने पर बाराबंकी जिले के साथ ही पड़ोसी जिला गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और अयोध्या जिले के लोगों को इस अस्पताल से सेवाएं मिल सकती हैं। जिसे लेकर अब बाराबंकी के सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। सांसद ने मांग की है कि महामारी के इस संकट में इसको कोविड हॉस्पिटल बनाया जाएगा तो इससे काफी लोगों को लाभ मिलेगा।
तैयारियां शुरू सासंद के लिखे पत्र के बाद जिला प्रशासन ने सिरौलीगौसपुर में बने संयुक्त चिकित्सालय को कोविड एल-वन बनाने की तैयारियां शुरू की हैं। अब इस 100 बेड के अस्पताल में सभी उपकरणों को व्यवस्थित करने का काम चल रहा है। जल्द ही यहां कोरोना वायरस के मरीज भर्ती होने शुरू हो जाएंगे। यहां क सीएमएस का कहना है कि पहले हम लोग 30 ऑक्सीजन सप्लीमेंट्री बेड तैयार कर रहे हैं। जल्द ही अस्पताल के सभी 100 बेड तैयार कर लिये जाएंगे। जिससे बाराबंकी जिले के साथ ही पड़ोसी जिला गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और अयोध्या जिले के लोगों को इस अस्पताल से सेवाएं मिल सकती हैं।
दो और अस्पतालों के लिए भी मांग इसी को लेकर बाराबंकी के साद उपेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि इस अस्पतालों में पर्याप्त बेड और उपकरण भी हैं। उन्होंने लिखा है कि अगर इन अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल बना दिया जाए तो सैकड़ों मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सिरौलीगौसपुर का 200 बेड के संयुक्त चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय बाराबंकी और सीएचसी सतरिख को कोविड अस्पताल बनाये जाने की मांग की है। जिससे कोरोना मरीजों को राहत मिल सके। सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि संयुक्त चिकित्सालय सिरौलीगौसपुर के कोविड अस्पताल बनने से केवल बाराबंकी ही नहीं, बल्कि गोंडा, बहराइच और श्रावस्ती जिले के लोगों को लाभ मिलेगा।
कई जिले के लोगों को मिलेगा लाभ अस्पताल के सीएमएस डाक्टर आर.बी. राम ने बताया कि अभी यहां 30 ऑक्सीजन सप्लीमेंट्री बेड बनाए जा रहे हैं। जल्द ही इसे 100 बेड तक पूरा कर लेंगे। सीएमएस ने बताया कि ऑक्सीजन लेवल 90 वाले कोविड मरीजों को यहां बेहतर इलाज मिल सकेगा। सीएमएस ने बताया कि इस अस्पताल में इलाज की सुविधा शुरू होने से सिर्फ बाराबंकी ही नहीं बल्कि गोंडा, बहराइच और श्र्वास्ती समेत कई जिलों के लोगों को भी लाभ मिलेगा।