गड़बड़ी उजागर करने वाले पर ही आरोप किसान सम्मान निधि में कथित घोटाला जबसे बाराबंकी प्रशासन के संज्ञान में आया है तबसे जिला प्रशासन लोगों के मुंह बंद कराने के लिए उन्हीं पर मुकदमा दर्ज करवा रहा है, जिन्होंने इस कथित घोटाले को उजागर करने की शुरुआत की थी। फतेहपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत जनसेवा केन्द्र संचालक अंकित वर्मा ने सबसे पहले इस गड़बड़ी को उजागर किया था। मामला बाहर आया, तो अपात्रों से धनराशि की वापसी का अभियान शुरू किया गया। लेकिन प्रशासन ने गड़बड़ी उजागर करने वाले पर ही आरोप लगा दिया।
ये भी पढ़ें: UP Top Ten News: मास्क न पहनने पर सवा लाख ने भरा जुर्माना, पुलिस ने वसूली मोटी रकम निष्पक्ष जांच की मांग अंकित वर्मा ने आरोप लगाया है कि मामलों का फर्जी निस्तारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी करनी की सजा मिल रही है। सबसे पहले उन्होंने ही मुख्यमंत्री पोर्टल पर आईजीआरएस करके 46 नामों का खुलासा किया था जो किसान सम्मान निधि के लिए अपात्र थे। फिर कृषि विभाग को सूची दी लेकिन दोनों मामलों का फर्जी निस्तारण कर दिया गया। इसके बाद प्रशासन ने उन पर ही धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत करवा दिया, जबकि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं। उन्होंने अपने उपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।