फेल होने के डर से लगाई फांसी
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार की रात मनीष खाना खाने मेस गया था। जब वह वापस लौटा तो कमरे का दरवाजा बंद था। काफी देर तक दरवाजा ना खुलने पर जब छात्र के दोस्तों ने आवाज लगाई तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। कर्मचारियों और अन्य छात्रों ने दरवाजा तोड़ दिया। कमरे में चादर के फंदे के सहारे पंखे से विकास का शव लटक रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की। कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। सूचना मिलने के बाद 12 अक्टूबर को वाराणसी से यादव के पिता डॉ. ओमप्रकाश यादव व अन्य परिजन आए। आत्महत्या का कारण पता लगाने में जुटी पुलिस
परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया। कुछ दिन पहले छात्र के बड़े भाई के चंद्रशेखर उससे मिलने कॉलेज गए थे। उन्होंने छात्र से घर चलने को कहा था लेकिन उसने घर चलने से मना कर दिया था। शहर कोतवाल अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस आत्महत्या का कारण पता लगाने में जुटी है।