छोड़ी शिक्षक बनने की डगर, चले किसानी की राह युवा कृषक कचरुलाल पटेल बताते हैं कि वह बीए-बीएड हैं। सरकारी सेवा में जाने के लिए तैयारी भी करते थे। पॉली हाउस से हुई आमदनी का अनुभव अब उन्हें सरकारी शिक्षक के सपने से दूर कर चुका। कृषि कार्य में ही आगे कदम बढ़ाना चाहते हैं। उनकी कमाई 10 गुना बढ़ी है। शुरुआती वर्ष में महज एक लाख रुपए कमाते थे, अब दोनों पॉलीहाउस से 10 से 11 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं।
https://www.patrika.com/banswara-news/rajasthan-banswara-excessive-rainfall-tribal-farmers-cry-90-percent-of-soybean-crop-wasted-19063636 ऐसे बढ़ा खेती की ओर रुझान किसान कचरु बताते हैं कि नौकरी के दौरान उन पर काफी आर्थिक समस्याएं आईं। कई किसानों को पॉलीहाउस से कृषि करते देखा तो उसकी जानकारी जुटाई। उनके पास चार बीघा जमीन बेकार पड़ी थी, जिसमें मवेशी चरते थे। वहां पॉली हाउस बनाने का निर्णय लिया और आवेदन कर दिया।
दो पॉलीहाउस लगवाए और अब वर्ष में 10 लाख से ज्यादा की कमाई कचरु बताते हैं कि उन्होंने 2-2 हजार वर्ग मीटर के दो पॉली हाउस लगवाए, जिनमें शिमला मिर्च और खीरे की खेती करते हैं। फसल को वह आसपास के किसानों के साथ मिलकर उदयपुर और अहमदाबाद भेजते हैं। खेती से मुनाफे को और विस्तार देना चाहते हैं।
युवा किसान ने पकड़ी बेहतर राह युवा कचरुलाल ने बीते वर्षों में खेती में काफी अच्छा काम किया। यह दूसरे युवाओं के कई प्रेरणादायी है। उसने अनुपयोगी भूमि को काम में लिया। कोई भी किसान 2000 वर्ग मीटर के पॉलीहाउस में शिमला मिर्च की खेती करता है तो वर्ष में औसतन 5-7 लाख रुपए खर्च निकालकर कमा सकता है।
– डॉ . विकास कुमार चेचानी, उपनिदेशक, उद्यानिकी, बांसवाड़ा