सांसद राजकुमार रोत ने की ये अपील
वहीं, सांसद राजकुमार रोत ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि, “शांत प्रिय आदिवासी क्षेत्र को अशांत करने के उद्देश्य से भोले-भाले लोगों को भड़का कर माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले लोगों से हमारा कोई साथी नहीं उलझे! साथ ही पुलिस प्रशासन इस तरह के लोगों पर कानूनी कार्यवाही करें। ये वही लोग है जिन्होंने शांति प्रिय काकरी आन्दोलन के अंदर घुसकर उग्र करवाया था।” यह भी पढ़ें
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कमल कांत कटारा ने पुलिस से की अपील
इससे पहले फेसबुक पर आदिवासी आरक्षण मंच के संयोजक कमल कांत कटारा ने लिखा कि, “बांसवाड़ा-डूंगरपूर पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए कि सांसद लगातार बयान दे रहा है कि आदिवासी हिन्दू नहीं है, फिर वह किस योजना के तहत हिन्दू धाम घोटिया आंबा पर कार्यक्रम कर रहा है। घोटिया आंबा में प्राचीन काल से पांडवों की मूर्तियां स्थापित हैं और शिव मंदिर भी है। पवित्र कुण्ड है जहां हिंदू परंपरा से अस्थि विसर्जन होता है।” आगे कहा कि आदिवासियों को बार-बार हिन्दू नहीं है, ऐसी घोषणाएं करने वाला आदमी बार-बार पवित्र और शुद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल पर अपना राजनीतिक कार्यक्रम क्यों कर रहा है? यह क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाले कदम उठा रहा है। या तो ‘आदिवासी हिन्दू नहीं है’ ऐसा कहना छोड़कर पूर्व के बयानों पर माफी मांग ले या फिर घोटिया आंबा का कार्यक्रम निरस्त कर ले।
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माफी मांगने पर ही कार्यक्रम करने दिया जाएगा
कमल कांत कटारा ने कहा कि ऐसी घोषणा करने वाले आदमी को किसी भी सूरत में पाण्डव धाम पर आने का अधिकार नहीं है। अपना बयान वापस लेकर माफी मांगने पर ही उसे पांडव धाम पर आने दिया जाएगा अन्यथा नहीं। चाहे वो सांसद हो या विधायक, लेकिन विरोधी बयान देना और फिर उन्हीं स्थानों पर कार्यक्रम करना आदिवासियों को बरगलाना है। बांसवाड़ा प्रशासन ध्यान दें यह शांतिपूर्ण और विनम्र अनुरोध है। कार्यक्रम तभी होगा जब राजकुमार अपना बयान वापस लेकर माफी मांगेगा वरना हम उसे घोटिया आंबा धाम पर कदम नहीं रखने देंगे। कीमत चाहे कुछ भी चुकानी पड़े, तैयार हूं।