बांसवाड़ा सीट पर कांग्रेस के हरिदेव जोशी ने लगातार सात बार चुनाव जीता। वे अंतिम चुनाव 1993 में लड़े। उनके विधायक काल में कांग्रेस की सरकार भी बनी, किंतु तीन बार भाजपा ने भी सरकार बनाने में सफलता पाई। उनके निधन के बाद 1998 से अब तक पांच बार 1998, 2003, 2008, 2013 और 2018 में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इन पांच चुनाव में बांसवाड़ा सीट से जीतने वाले प्रत्याशी के दल की ही प्रदेश में सरकार बनी।
भविष्य में क्या?
इन दिनों विधानसभा चुनाव की सभाओं और चर्चाओं में इस ट्रेंड की चर्चाएं हैं। राजनीतिक चर्चाओं में अब यही सवाल है कि इस बार के चुनाव में क्या यह ट्रेंड कायम रहेगा। क्या इस सीट से जो प्रत्याशी जीतेगा, प्रदेश में उसी दल की सरकार बनेगी? हालांकि कौन जीतेगा और किस दल की सरकार बनेगी, यह अभी भविष्य के गर्भ में है।
यह जीते और बनी सरकार
बांसवाड़ा सीट से 1998 में कांग्रेस के रमेशचंद्र पंड्या चुनाव जीते। 2008 और 18 में अर्जुनसिंह बामनिया यहां से निर्वाचित हुए। तीनों बार प्रदेश में सरकार कांग्रेस की रही और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने। वहीं 2003 में भवानी जोशी और 13 में धनसिंह रावत चुनाव जीते और सरकार भाजपा की बनी। वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री रहीं। हालांकि जिले की अन्य सीटों कुशलगढ़, बागीदौरा, दानपुर, घाटोल और 2008 में अस्तित्व में आई गढ़ी सीट पर यह ट्रेंड नहीं रहा। वहीं डूंगरपुर जिले की चार सीटों पर भी बीते पांच चुनाव में यह ट्रेंड नहीं रहा।