बांसवाड़ा

बांसवाड़ा : लचर प्रबंधन से बीमार महात्मा गांधी अस्पताल, मरीजों की परेशानियां दरकिनार

MG Hospital Banswara : मुआयने और बैठक से खुलासे पर चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों की गढ़ी निगाहें

बांसवाड़ाJan 06, 2020 / 04:46 pm

deendayal sharma

बांसवाड़ा : लचर प्रबंधन से बीमार महात्मा गांधी अस्पताल, मरीजों की परेशानियां दरकिनार

बांसवाड़ा. जिला मुख्यालय के महात्मा गांधी चिकित्सालय में स्टाफ, संसाधनों का रोना रोकर मरीजों की परेशानियों को दरकिनार भले ही किया जा रहा हो, लेकिन असल में यहां बीमारी अस्पताल के लचर प्रबंधन की है। अस्पताल में जो डॉक्टर और स्टाफ मौजूद हैं, उनमें कई वरिष्ठों पर जिम्मेदारी ही नहीं है, वहीं जरूरत देखे बगैर स्टाफ खपाए जाने से समय पर मरीजों को अपेक्षित मदद नहीं मिल रही। इसका नमूना अस्पताल में हुई मातृ-शिशु सेवाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर हर महीने होने वाली समन्वय समिति की बैठक में भी सामने आ चुका है। एसएनसीयू, लेबर और चाइल्ड वार्ड के डॉक्टर एवं स्टाफ की यह साझा बैठक डेढ़ महीने पहले जब हुई तो मेटरन को स्टाफ सदस्य नवजातों और उनके परिजनों की मदद के लिए लगाने के निर्देश दिए गए, लेकिन उस पर अमल ही नहीं हुआ। इसके चलते आउटडोर में पर्ची और भर्ती टिकट को लेकर दिक्कतों के अलावा एडमिशन रेकार्ड पर ही नहीं आने के हालात तक सामने आए। उसके बाद शनिवार को हुई बैठक में फिर वही निर्देश देने पड़े।
दूसरी ओर, चिकित्सक हो या नर्सिंग स्टाफ, यहां अनुभवी और जिम्मेदार मौजूद हैं, लेकिन उन पर कोई जिम्मेदारी नहीं है, वहीं नए और युवाओं को ही प्रभार सौंपे हुए हैं। इसके चलते छोटी-बड़ी दिक्कत पर जवाबदेयी उन्हीं पर डालकर बचने-बचाने का सिलसिला चल रहा है। इस बारे में सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार का कहना है कि जिला मुख्यालय के एमजी अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ की कमी से बड़ा संकट नहीं है। हमारी तरफ से पूरा सहयोग किया जा रहा है। चार और स्टाफ सदस्य मुहैया करवाए हैं। शनिवार के मुआयने में मिस मैनेजमेंट झलकने पर स्पष्ट कहा भी था कि जिम्मेदारियां सुनिश्चित कर सभी अपनी ड्यूटी करें। इस बारे में पीएमओ से फिर बात करेंगे और शिकायतें सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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