उल्लेखनीय है कि वर्तमान टीओ हितेष गौड़ ने कोतवाली में 5 करोड़ 23 लाख 88 हजार 511 रुपए के स्टांप गबन का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में सहायक प्रशासनिक अधिकारी नारायण लाल यादव के साथ ही स्टांप वेंडर आशीष जैन को उनके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में वेंडर जैन ने बयान दिया था कि पूर्व टीओ अरविंद शर्मा कमीशन लेकर गैर कानूनी तरीक से स्टांप यादव के जरिए उपलब्ध कराए थे। ऐसे में पुलिस ने दो दिन पूर्व जीजीटीयू के वित्त नियंत्रक और पूर्व टीओ अरविंद शर्मा को गिरतार कर लिया। पुलिस रिमांड से पहले ही शर्मा ने बयान दिया था कि 10 लाख रुपए बतौर कमीशन मिले थे। इसे पुलिस ने पूरी तरह खारिज कर दिया था। इसके बाद कड़ी पूछताछ शुरू की गई है।
अग्रिम जमानत अर्जी के प्रयास
इधर, जिन लोगों को पुलिस ने नोटिस दिया है वे लीगल एडवाइज ले रहे हैं। ज्यादातर यही जानकारी कर रहे हैं कि उनके खिलाफ पुलिस क्या एक्शन ले सकती है। यदि पुलिस गिरफ्तार करती है तो क्या उनको जल्द जमानत मिल सकती है या फिर अग्रिम जमानत अर्जी लगानी होगी। जांच अधिकारी डीएसपी सूर्यवीर सिंह ने बताया कि अभी पूछताछ की जा रही है। पूरी टीम सभी तथ्यों की जांच पड़ताल में जुटी है।
जांच को मिली दिशा
स्टांप घोटाले के मामले पर पत्रिका लगातार नजर लगाए हुए है। पुलिस की कार्रवाई के प्रकाशन के साथ ही पत्रिका ने कई ऐसे विषयों को भी उठाया है, जिसे पुलिस ने अपनी जांच में शामिल किया है। 8 साल में एक बार भी ऑडिट नहीं होने होने का खुलासा पत्रिका में किया गया था। इसके बाद पुलिस की जांच की सूई इस ओर घूमी और पूर्व टीओ शर्मा की गिरफ्तारी हुई।