स्कूल प्रबंधन बेखबर
इससे पहले उपखंड क्षेत्र के दो अभिभावकों ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया कि उनकी पांच और छह साल की बच्चियां प्री-प्राइमरी स्तर की कक्षाओं में पढ़ती हैं। इनकी दोपहर में छुट्टी होती है। इससे ऊपर की कक्षाओं के बच्चे आधा घंटा बाद छोड़ने पर एक ही निजी वेन से घर लौटने वाले छोटे बच्चों को स्कूल प्रबंधन की ओर से उन्हें पार्किंग परिसर में खेलने छोड़ा जाता है। इसी बीच, आरोपी अपने भतीजे को लेने आने के बहाने जल्दी आकर चॉकलेट-टॉफी का प्रलोभन देने लगा। फिर उसने मोबाइल पर वीडियो दिखाए। बेहूदा हरकत करने के लिए बहलाने पर बच्चे घबरा गए और घर आकर बताया तो अभिभावक लामबंद हुए और हकीकत खुद जानकर धरपकड़ का मानस बनाया। यह भी पढ़ें
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दूसरे दिन स्कूल में जताया आक्रोश
बुधवार को पीड़ित बालिकाओं के अभिभावकों के साथ बड़ी संख्या में लोग स्कूल पहुंचे। यहां प्रबंधन के साथ तीखी बहस हुई। अभिभावकों ने बच्चों के असुरक्षा के माहौल पर आक्रोश जताया और कहा कि स्कूल प्रशासन को भी ऐसे कृत्य पर एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। बाद में लोग थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की। दूसरी ओर, चर्चा पर स्कूल प्रबंधन ने घटना का बुधवार को ही पता चलना बताया और आगे कुछ कहने से इनकार किया।
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तीन दिन के प्रयासों पर आया हाथ
मामले पर पीड़िताओं के परिजनों ने तीन दिन तक छुट्टी के बाद निगरानी की। इसके बाद सोमवार को अचानक मौके पर पहुंचकर बच्चियों से ही आरोपी की तस्दीक करवाई। फिर उसे स्कूल संचालक के पास ले गए। उनके सामने पूछताछ पर आरोपी ने अपना कृत्य कबूल किया तो पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने पहुंचकर आरोपी को डिटेन किया।