मुख्यमंत्री ने संकेत दिए कि ऐसा संभव
बांसवाड़ा के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा नेताओं की अगुवाई में आदिवासी आरक्षण मंच के सदस्यों ने आरक्षण के मसले पर अपना पक्ष रखा। प्रो. कमलकांत कटारा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ‘कोटे में कोटा’ आदेश आदिवासी बहुल दक्षिण राजस्थान के लिए वरदान साबित होगा। इसका संपूर्ण आदिवासी समाज स्वागत करे। जो लोग आदेश समझ नहीं पा रहे, वह भ्रांति पैदा कर रहे हैं। हम वर्ष 1983 से मांग करते आ रहे हैं। प्रदेश में 12 प्रतिशत एससी-एसटी का आरक्षण है। दक्षिण राजस्थान के आदिवासियों को 6 प्रतिशत हिस्सा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने संकेत दिए कि ऐसा संभव है। यह भी पढ़ें
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सभी जिलों को अलग-अलग आरक्षण
प्रो. मणिलाल गरासिया ने कहा कि हम किसी जाति के खिलाफ नहीं हैं, न ही राजनीतिक रैली कर रहे हैं। कोर्ट के आदेश से उदयपुर, सवाई माधोपुर और बांसवाड़ा क्षेत्र के अलग आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। आंदोलन में सभी जातियों की भागीदारी हो। पूर्व प्रधान राजेश कटारा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हरियाणा सरकार ने लागू कर दिया। पूर्व मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 1983 में पहली बार यह मांग मालवीया ने उठाई थी, जो अब पूरी होती दिखाई दे रही है। मालवीया के नेतृत्व में सीएम से मुलाकात करेंगे। यह भी पढ़ें