यह सामने आई प्रतिक्रिया : – सरकार के निर्णय पर पूर्व सभापति राजेश टेलर ने कहा कि अधिसूचना जारी की गई है तो सर्व मान्य होनी चाहिए। हालांकि इसके संबंध में विस्तृत जानकारी लेने के बाद ही वे कुछ अधिक कह पाएंगे। कांगे्रस के प्रदेश सचिव जैनेन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष चुनाव का वादा किया था। इसका स्वरूप बदला है। नई प्रक्रिया में कोई भी व्यक्ति बिना पार्षद सभापति बन सकेगा। नामांकन के लिए पार्षद का प्रस्तावक व समर्थक होना जरूरी होगा। इधर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रमेशचंद्र पंवार ने कहा कि निकाय चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। इससे खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा। येनकेन सरकार की कोशिश यही है कि मामला कोर्ट में चला जाए तो अभी चुनाव निरस्त हो जाएं। पूर्व उपाध्यक्ष भगवतपुरी ने कहा कि सरकार का निर्णय नैतिक दृष्टि से उचित नहीं है। यह विधि सम्मत भी नहीं है। चुने गए पार्षद की बजाए बाहरी व्यक्ति सभापति बनें, यह चुनाव प्रक्रिया का मखौल उड़ाने जैसा है। हो सकता है कि सरकार चुनाव टालना चाह रही है, ताकि उसके खिलाफ जनादेश नहीं आए।
जिला परिषद सदस्य ने दिया इस्तीफा : – निकाय चुनाव से ठीक पहले जिला परिषद के वार्ड संख्या दस गढ़ी से कांगे्रस की सदस्य इंदिरा पंड्या ने पार्टी की सक्रिय सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। कांगे्रस जिलाध्यक्ष के मार्फत प्रदेशाध्यक्ष को भेजे त्यागपत्र में पंड्या ने कहा कि पारिवारिक विषमताओं, कांगे्रस की वर्तमान चिंताजनक स्थितियों यथा दिशाविहीन माहौल, आपसी कलह और वैमनस्यता से क्षुब्ध होकर वे कांगे्रस की सक्रिय सदस्यता से त्यागपत्र दे रही हैं। इधर, सूत्र बताते हैं कि पंड्या जिस वार्ड से जिला परिषद सदस्य बनीं, वह वार्ड अब परतापुर-गढ़ी नगरपालिका क्षेत्र में आ गया है। उनका गृहवार्ड 22 भी महिला सामान्य है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे निकाय चुनाव लड़ेंगी, जिसके चलते उन्होंने त्यागपत्र दिया है। गौरतलब है कि इसी वार्ड में कांगे्रस के पूर्व विधायक रमेश पंड्या भी आते हैं।