बांसवाड़ा

Rajasthan News : मनरेगा में बड़ा घोटाला आया सामने, मृतकों को श्रमिक बनाकर दिखाई हाजिरी, उठाया लाखों का भुगतान

मामला बरसों तक दबा रहा। इसके बाद चार सदस्यीय दल ने हाल ही जांच पूरी की। जांच में पता चला कि तत्कालीन सरपंच हेमा चरपोटा के कार्यकाल में मस्टररोल में दिवंगत लोगों के नाम दर्ज कर मेट ने खुद को भी श्रमिक दर्शाकर भुगतान उठा लिया।

बांसवाड़ाJul 03, 2024 / 06:19 pm

जमील खान

Rajasthan News : एसडीएम ने पकड़ा मनरेगा में बड़ा घोटाला, तीन मेट 1 साल के लिए ब्लैक लिस्ट, ऐसे खुला ‘खेल’ बांसवाड़ा. जिले में पंचायतीराज के अधीन मनरेगा के कार्यों पर मृतकों को श्रमिक नियोजित कर भुगतान उठाने का खुलासा हुआ है। अरथूना ब्लॉक के रैयाणा पंचायत में मेट खुद श्रमिक बन दोहरा पैसे उठा लिए। यहां फर्जीवाड़े की जांच में तत्कालीन सरपंच, तीन ग्राम विकास अधिकारियों और एक रोजगार सहायक द्वारा लाखों का गबन सामने आने पर अब रिकवरी निकाली गई है। इस संबंध में रैयाणा निवासी रमेशचंद्र पुत्र रामेंगजी पाटीदार ने 22 अक्टूबर,2019 को पंचायत क्षेत्र में 2014 से 2019 के बीच हुए विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा कर सरकारी धन हड़पने की शिकायत की थी।
मामला बरसों तक दबा रहा। इसके बाद चार सदस्यीय दल ने हाल ही जांच पूरी की। जांच में पता चला कि तत्कालीन सरपंच हेमा चरपोटा के कार्यकाल में मस्टररोल में दिवंगत लोगों के नाम दर्ज कर मेट ने खुद को भी श्रमिक दर्शाकर भुगतान उठा लिया। इसके अलावा यहां एक दर्जन सड़क निर्माण, मिक्सर मशीनों का कागजों में ज्यादा इस्तेमाल और एलईडी स्ट्रीट लाइटों की खरीद-फरोख्त में मनमाना भुगतान किया गया। इस पर जांच दल ने 5.20 लाख रुपए राशि वसूली योग्य बताते हुए कार्रवाई के लिए रिपोर्ट जिला परिषद को भेजी है।
फर्जीवाड़ा : जानकारी के अनुसार पंचायत क्षेत्र में आठ हैंडपंपों ड्रील और स्थापना पर भुगतान, एलईडी स्ट्रीट लाइट के 4.94 लाख का टेंडर करने के बाद उसी काम का 2019-20 में निविदा सीमा से चार गुना 15.69 लाख रुपए भुगतान कराया गया। मामले का खुलासा होने के बाद सदस्यीय दल ने अब तत्कालीन सरपंच हेमा चरपोटा से 2,53,517 रुपए, तत्कालीन वीडीओ निर्मला से 10,461, तत्कालीन वीडीओ देवीलाल से 1,30,333 रुपए, तत्कालीन वीडीओ कमलेश से 1,19,500 रुपए और तत्कालीन रोजगार सहायक दुष्यंत से 6,576 वसूली प्रस्तावित की है। इनसे कुल 5 लाख 20 हजार 588 रुपए राशि की वसूली के साथ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई।
पहले भी किया मृतक के नाम से खेला
इससे पहले रैयाणा नई आबादी से पातेला तक ग्रेवल सडक़ निर्माण कार्यस्थल पर ही मेट सुभाष पुत्र महिपाल ने कारस्तानी कर 8 मार्च,2016 से शुरू हुए पखवाड़े के मस्टरोल में रतना पुत्र गौतम जॉब कार्ड नंबर 88 के नाम से 11 दिन की उपस्थिति दर्ज की। फिर उसे 1540 रुपए भुगतान करना भी बताया गया, जबकि रतना की उससे पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। मनरेगा में रैयाणा नई आबादी से पातेला तक ग्रेवल सड़क निर्माण कार्यस्थल के 21 अक्टूबर, 2016 से 5 नवंबर, 2016 तक के मस्टरोल में रतन पुत्र रामेंग जॉब कार्ड नंबर 116 के नाम पर 11 दिन की हाजिरी भरी गई।
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फिर 1540 रुपए भुगतान भी हुआ, जबकि रतन की मृत्यु 8 दिसंबर,2007 को ही हो चुकी थी। इन्हीं दिवंगत रतन को मेट पंकज पुत्र धूलिया ने आगे लाकेश्वर महादेव से पातेला लांबीडूंगरी विद्यालय, भरड़ाजाल तक ग्रेवल सडक़ कार्य के 8 दिसंबर,2016 से 20 दिसंबर,2016 के मस्टरोल में बताया और 11 दिन की फर्जी हाजिरी भरकर 1320 रुपए भुगतान और उठा लिया गया।

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