बाजार आसानी से मिलेगा
विकास पारसोलिया ने बताया कि इसके लिए करीब 25 हजार वर्ग फुट निर्माण किया जाएगा। शेष खुली जगह रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा से 200 किमी के क्षेत्र में 20 जिले आते हैं, इसलिए यहां से बाजार मिलने में भी आसानी होगी। बांसवाड़ा से पहले इसकी यूनिट जयपुर, जोधपुर और स्वरूपगंजमें हैं। यह भी पढ़ें
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यूनिट लगाने के बाद इसको नहीं कर सकते बंद
पारसोलिया ने बताया कि एक बार यूनिट लगाने के बाद इसको बंद नहीं कर सकते हैं। देश में आने वाली फसल केवल 4 माह ही मिलती है। शेष 8 माह उत्पादन चालू रखना चुनौती था पर जानकारी जुटाई तो पता चला कि गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर बड़ी मात्रा में विदेशों से काजू लाया जाता है। संबंधित कंपनियों से खरीद का एग्रीमेंट कर लिया है। यहां से पूरे वर्ष कच्चा काजू मिलता रहेगा। यह भी पढ़ें
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यहां से आया आइडिया
विकास पारसोलिया ने बताया कि उनका एक भतीजा जयपुर से एमबीबीएस कर रहा है। उसके दोस्त की राजकोट में काजू की फैक्ट्री है। वहीं से आइडिया आया, इसके बाद कई बार राजकोट जाकर देखा। फिर प्रोजेक्ट तैयार किया। इसके लिए मशीनरी भी अहमदाबाद में मिल गई है। इसी वित्तीय वर्ष में 31 मार्च से पहले उत्पादन शुरू हो जाए। यह भी पढ़ें
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यह भी बिकेगा
प्रोसेसिंग के बाद काजू का बीज अलग कर लिया जाता है। इसके बाद काजू की डस्ट निकलती है जो कि होटल आदि पर उपयोग की जाती है। साथ ही काजू का छिलका रंग बनाने वाली कंपनियां खरीदती हैं। क्योंकि इसके छिलके में एक केमिकल होता है जो रंग बनाने के काम आता है। यह भी पढ़ें