स्वर्ण का भंडार की जानकारी सामने आने के बाद खनन कंपनी तय होने में करीब 33 साल का समय लगा है। वहीं सोना निकलने में करीब 7 साल का समय और लगने का अनुमान है। इसके बाद बांसवाड़ा स्वर्ण खनन करने वाले देश के 4 चुनिंदा जिलों में शामिल हो जाएगा। अभी कर्नाटक के 2, बिहार और आंध्र प्रदेश एक एक जिले में सोने का खनन हो रहा है। हमारे यहां पर रेत के छोटे-छोटे कण रूप में सोना मिलेगा, जिसे अन्य रूप के मुकाबले निकालने में लागत कम आएगी। देश में जितना भी स्वर्ण खनन होता है उसमें हमारी हिस्सेदारी करीब 25 प्रतशित हो जाएगी। स्वर्ण खनन शुरू होने से राज्य की अर्थव्यवस्था में बांसवाड़ा की बहुत बड़ी भूमिका हो जाएगी। कई प्रकार के उद्योग धंधे खुलेंगे इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पत्रिका ने 2 जून के अंक में देश में सोने के खनन की करीब 25 % होगी बांसवाड़ा की हिस्सेदारी, अभी लगेंगे 7 साल शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
10 क्विंटल अयस्क में से 1.945 ग्राम सोना मिलेगा
भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने सबसे पहले 1990-91 में यहां का सर्वे किया था। इसमें पहली बार स्वर्ण के संकेत मिले थे। इस पर 69.658 वर्ग किलोमीटर के तीन ब्लॉक एक्सप्लोरेशन के लिए आरक्षित किए गए थे। इस क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन के दौरान 15 ब्लॉकों में 171 बोर होल्स में 46037.17 मीटर ड्रिलिंग पर स्वर्ण भंडार पाए गए। इससे तैयार की रिपोर्ट के विश्लेषण से पता चला कि 14 ब्लॉकों में 1.945 ग्राम प्रति टन के लगभग 114.76 मिलियन टन सोने के भण्डार का अनुमान है। गौरतलब है कि अभी तक 9 वर्ग किलोमीटर में फैले जगपुरा भूमिका क्षेत्र के लिए फर्म का नाम तय हुआ है। जबकि, काकरिया के 2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खोज होना बाकी है।
भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने सबसे पहले 1990-91 में यहां का सर्वे किया था। इसमें पहली बार स्वर्ण के संकेत मिले थे। इस पर 69.658 वर्ग किलोमीटर के तीन ब्लॉक एक्सप्लोरेशन के लिए आरक्षित किए गए थे। इस क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन के दौरान 15 ब्लॉकों में 171 बोर होल्स में 46037.17 मीटर ड्रिलिंग पर स्वर्ण भंडार पाए गए। इससे तैयार की रिपोर्ट के विश्लेषण से पता चला कि 14 ब्लॉकों में 1.945 ग्राम प्रति टन के लगभग 114.76 मिलियन टन सोने के भण्डार का अनुमान है। गौरतलब है कि अभी तक 9 वर्ग किलोमीटर में फैले जगपुरा भूमिका क्षेत्र के लिए फर्म का नाम तय हुआ है। जबकि, काकरिया के 2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खोज होना बाकी है।
14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने का विशाल भंडार
भुकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने का विशाल भंडार हैं। 114.76 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया, इसमें स्वर्ण धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है। यहां सोने के अयस्क के खनन के दौरान 1 लाख 74 हजार टन से अधिक तांबा और 9700 टन से अधिक निकल और 13500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज प्राप्त होगा।
भुकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने का विशाल भंडार हैं। 114.76 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया, इसमें स्वर्ण धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है। यहां सोने के अयस्क के खनन के दौरान 1 लाख 74 हजार टन से अधिक तांबा और 9700 टन से अधिक निकल और 13500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज प्राप्त होगा।
पहले 100 करोड़ जमा होंगे
उदयपुर खान निदेशक के यहां से रतलाम की फर्म सैयद ओवैस अली फर्म का नाम फाइनल कर दिया गया है। अब कंपनी 100 करोड़ रुपए जमा करेगी। इसके बाद लेटर ऑफ इंटेंट जारी होगी। इसमें जो शर्त होंगी वह पूरी करने के बाद आगे काम बढ़ेगा। सबसे ज्यादा बोली 65.30 प्रतिशत लगाने पर इस फर्म को काम दिया गया है।
गौरव मीणा, खनि अभियंता
उदयपुर खान निदेशक के यहां से रतलाम की फर्म सैयद ओवैस अली फर्म का नाम फाइनल कर दिया गया है। अब कंपनी 100 करोड़ रुपए जमा करेगी। इसके बाद लेटर ऑफ इंटेंट जारी होगी। इसमें जो शर्त होंगी वह पूरी करने के बाद आगे काम बढ़ेगा। सबसे ज्यादा बोली 65.30 प्रतिशत लगाने पर इस फर्म को काम दिया गया है।
गौरव मीणा, खनि अभियंता
राजस्व के रूप में स्वर्ण भंडार का खनन करने वाली कंपनी जितना भी धातु निकालेगी उसको बाजार में बेचेगी। जितनी राशि की भी धातु बिकेगी उसका 65.30 प्रतिशत हिस्सा राजस्व के रूप में मिलेगा। मानलो 100 करोड़ रुपए का सोना बेच दिया तो इसमें से 65 करोड़ 30 लाख रुपए राजस्व के रूप में सरकार को मिलेगा। जितनी भी धातु मिलेगी उसकी रॉयल्टी अलग से सरकार को मिलेगी।
भगवती प्रसाद, निदेशक खनिज विभाग
भगवती प्रसाद, निदेशक खनिज विभाग