ग्रामीण लालचंद ने बताया कि करीब 2 महीने पहले कांता और उदयलाल में झगड़ा हुआ था। तब भी उदयलाल ने कांता की हत्या का प्रयास किया था। कांता एक घर में जाकर छिप गई थी। अगले दिन उसे वापस गांव लाया गया। करीब 15 पंचों की मौजूदगी में समझौता हुआ और दोनों को समझा-बुझाकर भेज दिया कि अब ऐसा नहीं होगा। अब हत्या होते ही सारे पंच गायब हो गए।
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पुलिस ने कमरा खोलकर निकाला
आठवीं कक्षा के छात्र और मृतका के पुत्र संजय ने बताया कि सुबह पुलिस घर आई और कमरे का दरवाजा खोलकर उन्हें बाहर निकाला। बाहर आने पर पता चला कि उसकी मम्मी की मौत हो गई है। बच्चों ने भी बताया कि उसके पापा मां पर शक करते थे। पहले भी कई बार झगड़ा होता था। छोटी बहन शिवानी और एक छोटा भाई कृष्णा है। वह स्कूल नहीं जाता।
थाने पहुंच किया सरेंडर
आरोपी ने खुद थाने पहुंचकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने पुलिस से कहा- ‘मैंने मेरी पत्नी की हत्या कर दी है।’ पुलिस ने फौरन गांव में पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। पुलिस ने कमरे का दरवाजा खोलकर बच्चों को बाहर निकाला। शव कब्जे में लेकर शाम करीब 5 बजे मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया।
चरित्र पर करता था शक
पुलिस को मायके वालों से और प्राथमिक जांच में पता चला कि उदयलाल को उसकी पत्नी के चरित्र पर शक था। इसी के चलते उसने घटना को अंजाम दिया।
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शव उठाने भी कोई नहीं आया
मृतका के मायके वालों ने बताया कि सुबह करीब 9 बजे वे लोग पहुंचे। फिर आसपास के लोगों को बुलाया, तब एक-दो लोग ही आए। आरोप लगाया कि शव उठाने तक के लिए गांव वालों ने सहयोग नहीं किया। परिवार वाले तो पहले ही मौके से भाग गए थे। अगर हम मायके से नहीं पहुंचते, तो शव ऐसे ही पड़ा रहता।
मौके पर पुलिस बल तैनात
मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम कराया। मामले की जांच कर रहे हैं। सुरक्षा कारणों के चलते मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया है।
जीवतराम, थानाधिकारी, खमेरा