शहर में आयोजित रैली में शामिल होने आए सांसद रोत ने यह भी कहा कि मानव और प्रकृति ही सबसे बड़ा धर्म है, यह ध्यान में रखकर कोई भी सरकार काम करे। मैंने सांसद होने के नाते सरकार से कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है, उसी आधार पर सरकारों का काम करना चाहिए।
उन्होंने कार्यक्रम मे आगे कहा कि बांग्लादेश की घटना से हमारी सरकार को सीखना चाहिए। अगर सत्ता जनता की भावना के अनुरूप नहीं चलेगी, तो देश में भी पड़ोसी देश जैसी ही स्थितियां बन सकती हैं। बांग्लादेश में सांसद और प्रधानमंत्री तक को भागना पड़ा, यह चिंतनीय है। उन्होंने खास तौर पर बिना नाम लिए भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
‘वर्तमान सरकार समुदायों को डरा रही’
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के सवाल पर सांसद बोले कि यह गलत हो रहा है। नहीं होना चाहिए। हम इसीलिए कहते हैं कि हमें धर्मों में नहीं बंटना है। धर्म के नाम पर देश में जहर फैलाया जा रहा है। सभी धर्म, सभी जाति और समुदायों के लोग यहां रहें। हरेक को अपने धर्म, जाति और समुदाय की बात करने का अधिकार है। वर्तमान सरकार समुदायों को डराने, धमकाने और जहर फैलाने का काम बंद करे। ‘आदिवासियों का हिन्दू और इसाईकरण राजनीतिक फायदे के लिए’
आदिवासियों के धर्मान्तरण के सवाल पर सांसद ने कहा कि आदिवासी समुदाय किसी भी धर्म व्यवस्था में नहीं आता है। वह न हिन्दू है, न सिख न मुस्लिम है। लेकिन यहां पर धर्मान्तरण हो रहा है। आदिवासियों का इसाईकरण और हिन्दूकरण हो रहा है। यह राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है।
‘किसके दबाव में सीएम ने पोस्ट हटाई’
कार्यक्रम में सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि
राजस्थान के मुख्यमंत्री आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं ट्वीट के माध्यम से दी। पर, न जाने क्या दबाव आया कि उन्होंने आधे घंटे बाद ही पोस्ट हटा दी। अच्छा होता कि आदिवासी दिवस के दिन मुख्यमंत्री जनजाति क्षेत्र के विकास के बारे में बात करते, आदिवासियों के बीच आते, कोई घोषणा करते।