बांसवाड़ा में प्रतिवर्ष मानसून ( monsoon ) में मूसलाधार बारिश का दौर शुरू होने के साथ ही जिलेवासियों में बांध के भरने और इसके छलकने की आस बंध जाती है। हालांकि बांध में पानी की आवक मध्यप्रदेश के धार और आसपास के क्षेत्र में होने वाली बारिश पर निर्भर है। हाल ही में माही बांध लबालब होने पर पानी मिलते ही विद्युत उत्पादन निगम की दोनों यूनिट शुरू हो गई हैं। इधर माही डेम अपनी कुल भराव क्षमता 281.50 मीटर के मुकाबले अब तक 280.85 मीटर तक पहुंच चुका है। माही से पावर हाउस को पानी देने से जहां पहली यूनिट से 6 लाख यूनिट बिजली बनाई, वहीं अब 25 मेगावाट के दूसरे पावर हाउस से 10 लाख यूनिट बिजली बंनाने की तैयारी शुरू कर दी है। दूसरा टरबाइन प्रारंभ होने से कागदी पिकअप वियर के लिए 4500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। एक दो दिन में बायीं मुख्य नहर में पानी छोडऩे से पावर हाउस द्वितीय की 45 मेगावाट मशीन चालू होने से 10 लाख यूनिट बिजली उत्पादन होगा।
अमूमन बांसवाड़ा में जून के तीसरे सप्ताह में बारिश दस्तक दे देती है और मध्य प्रदेश में भी बारिश का क्रम बना रहने पर माही बांध के गेट जल्द खुलने के आसार रहते हैं। बीते वर्षों में देखें तो सामान्यतया बांध के गेट अगस्त में ही सर्वाधिक खुले हैं।
अगस्त में सर्वाधिक खुले गेट
वर्ष 1990 में चार अगस्त
1991 में एक अगस्त
1993 में नौ अगस्त
1994 में दो अगस्त
1996 में सात अगस्त
1197 में आठ अगस्त
1998 में 28 अगस्त
2004 में 15 अगस्त
2012 में 19 अगस्त
2016 में नौ अगस्त
2017 में 28 अगस्त
वर्ष 1990 में चार अगस्त
1991 में एक अगस्त
1993 में नौ अगस्त
1994 में दो अगस्त
1996 में सात अगस्त
1197 में आठ अगस्त
1998 में 28 अगस्त
2004 में 15 अगस्त
2012 में 19 अगस्त
2016 में नौ अगस्त
2017 में 28 अगस्त
वर्ष 2015 में जिलेवासियों को माही के गेट खुलने का अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा था। उस वर्ष जल आवक क्षेत्रों और बांसवाड़ा जिले में भारी बरसात का दौर चलने से 27 जुलाई को ही माही बांध के गेट खोल दिए गए थे। माही बांध में एक ही रात में साढ़े 26 फीट पानी की आवक हुई थी। वहीं गौरतलब है की मध्य प्रदेश से पानी की आवक कम होने और बरसात का दौर कम होने से फिलहाल माही के गेट खुलने में इंतजार करना पड़ेगा। मूसलाधार बरसात होने पर पर ही गेट खुलने की संभावना बनेगी।