बांसवाड़ा

ये उन दिनों की बात है-जब साइकिल चलाने के लिए जरूरी था लाइसेंस

दुपहिया वाहन से लेकर मालवाहक वाहनों को चलाने के लिए विभिन्न श्रेणियों में परिवहन विभाग की ओर से आवेदकों को पहले सीखने के लिए और बाद में स्थायी लाइसेंस जारी किया जाता है, लेकिन रियासतकालीन समय में बांसवाड़ा में साइकिल चलाने के लिए भी लाइसेंस लेना पड़ता था।

बांसवाड़ाOct 23, 2022 / 01:57 pm

Kamlesh Sharma

सांकेतिक तस्वीर

मृदुल पुरोहित/बांसवाड़ा. वर्तमान में दुपहिया वाहन से लेकर मालवाहक वाहनों को चलाने के लिए विभिन्न श्रेणियों में परिवहन विभाग की ओर से आवेदकों को पहले सीखने के लिए और बाद में स्थायी लाइसेंस जारी किया जाता है, लेकिन रियासतकालीन समय में बांसवाड़ा में साइकिल चलाने के लिए भी लाइसेंस लेना पड़ता था।

इसके लिए नगरपालिका को आवेदन करना पड़ता था और शुल्क जमा कराने के बाद ही इसकी स्वीकृति जारी होती थी। बांसवाड़ा में नगरपालिका की स्थापना 1904 में हुई थी। उस जमाने में शहर में तत्कालीन शासकों के अतिरिक्त कोई इक्का-दुक्का व्यक्ति ही होता था, जिसके पास आवागमन का कोई व्यक्तिगत संसाधन था।

कुछ लोगों के पास घोड़े हुआ करते थे, जिससे आसपास के गांवों में आवागमन किया जाता था। शेष लोग कहीं भी आना-जाना हो, पैदल ही करते थे। शहर में म्युनिसिपल बोर्ड भी रियासत के अधीन था। आजादी के पहले तक तत्कालीन शासकों के आदेश-निर्देश तक व्यवस्थाओं के अनुसार संचालित किया जाता था। समय के साथ जब कुछ बदलाव हुआ तो शहर में साइकिलें आईं, लेकिन इसके लिए भी लाइसेंस की अनिवार्यता थी।

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हजारों का शुल्क, ऑनलाइन प्रक्रिया व इंतजार

गौरतलब है कि वर्तमान में लाइसेंस की प्रक्रिया ऑनलाइन है और लाइसेंस जारी होने में काफी दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। वर्तमान नियमों के अनुसार 16 वर्ष के आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 55 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली मोटर साइकिल चलाने के लिए अभिभावक का घोषणा पत्र देना पड़ता है। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले मोटर वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पात्र है।

20 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले आवेदक परिवहन वाहन चलाने के लिए लाइसेंस आवेदन के लिए पात्र हैं। दुपहिया व चौपहिया वाहन के लिए एक हजार, दोनों के एक साथ लाइसेंस के लिए एक हजार तीन सौ पचास रुपए और भारी वाहन के लिए करीब पन्द्रह सौ रुपए शुल्क है।

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यह होती थी इबारत
म्युनिसिपल बोर्ड, रियासतकाल का एक पत्र हाल ही में सामने आया है, जिसमें साइकिल के लिए लाइसेंस शुल्क जमा कराने का उल्लेख है। आज से ठीक 77 वर्ष पहले 21 अक्टूबर 1945 का यह सूचना पत्र है। तत्कालीन म्युनिसिपल बोर्ड के सचिव गणेशनाथ पुरोहित की ओर से इसे जारी किया था। इसमें लिखा है- सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि वे अपनी दो साइकिलों का रिन्युअल सन 1945-46 के लिए म्युनिसिपल बोर्ड के दफ्तर के समय में आकर तथा लाइसेंस फीस आठ आना तथा नंबर प्लेट की कीमत चार आना कुल बारह आना जमा कराकर 7 नवम्बर 1945 तक रिन्यु करा लें और नम्बर प्लेट लेकर अपनी साइकिलों पर लगा लें। उपरोक्त समय में लाइसेंस रिन्यु नहीं कराया जाएगा और कोई साइकिल बिना नए नंबर प्लेट के पाई जाएगी तो उससे पैनल्टी के अलावा लाइसेंस फीस व कीमत नंबर प्लेट से वसूल की जाएगी।

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