बांसवाड़ा

Farmer News : नहीं मिल रहे सोयाबीन – मक्का के बीज, परेशान किसान बुवाई के लिए बाजार से खरीद रहे महंगे दाम में बीज

Rajasthan News : सोयाबीन की फसल के लिए 57 हजार 600 क्विंटल की तुलना में 4 हजार क्विंटल और मक्का के लिए 28750 क्विंटल की तुलना में 16660 क्विंटल बीज ही फिलहाल उपलब्ध है। इसके चलते समय पर बुवाई के लिए महंगे दामों में बाजार से बीज खरीदना किसानों की मजबूरी बनता दिख रहा है।

बांसवाड़ाJun 29, 2024 / 04:21 pm

Omprakash Dhaka

Banswara News : मानसून की दस्तक के साथ ही खेतों में फसल बुवाई की तैयारी है। पर, जिले में बीज संकट के आसार हैं। क्योंकि राजस्थान बीज निगम में दोनों की प्रमुख फसल में शुमार सोयाबीन और मक्का के बीजों की उपलब्धता आवश्यकता के अनुपात में 42 से लेकर 94 प्रतिशत तक कम है। सोयाबीन की फसल के लिए 57 हजार 600 क्विंटल की तुलना में 4 हजार क्विंटल और मक्का के लिए 28750 क्विंटल की तुलना में 16660 क्विंटल बीज ही फिलहाल उपलब्ध है। इसके चलते समय पर बुवाई के लिए महंगे दामों में बाजार से बीज खरीदना किसानों की मजबूरी बनता दिख रहा है।
वहीं सरकार की किसी भी एजेंसी पर बीज आता ही नहीं है। जबकि चौथी बड़ी फसल उड़द है जिसके लिए केवल 40 क्विंटल बीज की उपलब्ध है। जबकि जरूरत इससे ढाई गुने की है। सरकार की ओर से राजस्थान बीज निगम बीज उपलब्ध कराता है। निगम की कीमतों के मुकाबले बाजार का बीज कम से कम 2000 रुपए प्रति क्विंटल महंगा है। दूसरा कई स्थानों पर प्रमाणिक बीज भी उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि एक हैक्टेयर में 25 किलोग्राम बीज बोया जाता है, जबकि सोयाबीन की एक हैक्टेयर के लिए 80 किलोग्राम बीज उपलब्ध होता है।

4000 सोयाबीन, 600 क्विंटल मक्का मौजूद

अभी निगम सस्ती दर पर बीज उपलब्ध करा रहा है। हमारे पास सोयाबीन का 4000 क्विंटल बीज उपलब्ध है। जबकि, मक्का का 600 क्विंटल ही है। शेष 16 हजार क्विंटल मिनी किट के रूप में वितरित कर चुके हैं। दिनेश कुमार पारसिया, संयंत्र प्रबंधक राजस्थान बीज निगम
जिले में 3 क्रय विक्रय सहकारी समितियां हैं, जो खाद के लिए अधिकृत हैं। इसके पास 2076 मैट्रिक टन यूरिया ही उपलब्ध है। जबकि जिले में करीब 5 हजार मैट्रिक टन यूरिया की जरूरत होगी।

फसल गत वर्ष – इस वर्ष बुवाई का क्षेत्रफल

मक्का – 113400 – 114000

सोयाबीन – 71300 – 72000

कपास – 11600 – 12000

प्रमाणित बीज खरीदने की सलाह

जिलेभर के किसानों को प्रमाणित बीज खरीदने की सलाह दी है। यदि किसी किसानों को पता चले के बीज बेचने के नाम पर कोई धांधली हो रही है तो तत्काल इसकी शिकायत कृषि विभाग को करें। इस मामले में जांच करते ही कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. दलीप सिंह, उप निदेशक, कृषि विस्तार


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