अस्पताल के बाहर ही प्रसव हो गया इधर, रात करीब सवा बारह बजे अस्पताल के बाहर ही प्रसव हो गया। लगातार हंगामा और शोर शराबा सुनकर चिकित्सक व कार्मिक अस्पताल से बाहर निकले। तो परिजन चिकित्सक से उलझ गए और लापरवाही का आरोप लगाने लगे। चिकित्सक ने परिजन से समझाइश कर प्रसूता व नवजात को वार्ड ले गया। परिजन का आरोप है कि इसके बाद भी प्रसूता का आवश्यक इलाज शुरू नहीं किया गया। टांडा बड़ी पड़ाल निवासी कुलवंती (26) पत्नी राजमल गणावा को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन मंगलवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे खमेरा आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल लेकर आए। उन्होंने अस्पताल का मुख्य द्वार बंद मिला तो चिकित्सक और कार्मिकों को आवाज देने लगे। जब काफी देर तक न तो दरवाजा खुला और नहीं कोई बाहर निकला तो परिजन हंगामा खड़ा कर दिया।
दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई बाहर नहीं निकला इस दौरान प्रसूता बाहर पीड़ा से तड़पती रही। परिजन की ओर से तेज-तेज दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई बाहर नहीं निकला। इस दौरान कुलवंती ने अस्पताल के बाहर ही फर्श पर बच्चे को जन्म दिया। शोर शराबा सुनकर बाहर आया चिकित्सक इधर प्रसूता के और रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए और हंगामा खड़ा कर दिया। काफी शोर शराबा सुनकर चिकित्सक बाहर आया। उसने परिजन से समझाइश के प्रयास किए। लेकिन परिजन से अस्पताल प्रशासन पर लारवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करते रहे। काफी समझाइश के बाद परिजन माने और प्रसूता को वार्ड में ले गए और बैड पर सुलाया।
प्रसूता की जान पर बन आती परिजनों का कहना है कि वार्ड में ले जाने के बाद एक बजे तक इलाज शुरू नहीं किया। प्रसूता के साथ आए देलवाड़ा सरपंच नाराय लाल डोकी ने आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही से प्रसूता की जान पर बन आती। एक घंटे तक चिल्लाते रहे लेकिन अस्पताल का दुरवाजा नहीं खुला। बताया जा रहा कि चिकित्सालय में नाइट ड्यूटी मेल नर्स मोहनलाल डोडियार की थी।