जल की कैद में जीवन : 100 टापूओं के शहर में खूबसूरत नजारों के बीच ‘काले पानी की सजा जैसी जिंदगी काट रहे लोग’ पानी, सब्जी दूध का संकट
धाम पर आटा, दाल जैसे सूखे सामान का स्टॉक तो है, लेकिन पानी, दूध, सब्जी का संकट है। हैंडपंप से भी गंदा पानी आ रहा है और धाम पर मौजूद लोग वही पानी पीने को मजबूर हैं। 26 दिन से चाय के लिए दूध तक नसीब नहीं हुआ है। रोज दाल बनाकर गुजारा कर रहे हैं।
धाम पर आटा, दाल जैसे सूखे सामान का स्टॉक तो है, लेकिन पानी, दूध, सब्जी का संकट है। हैंडपंप से भी गंदा पानी आ रहा है और धाम पर मौजूद लोग वही पानी पीने को मजबूर हैं। 26 दिन से चाय के लिए दूध तक नसीब नहीं हुआ है। रोज दाल बनाकर गुजारा कर रहे हैं।
भगवान के भोग का संकट
धाम पर बिराजमान भगवान के भोग पर भी संकट आया हुआ है। सामान्य दिनों में सब्ली, फल मिठाई आदि कई तरह के व्यजनों का भोग लगता है, लेकिन इन वस्तुओं की आपूर्ति ठप होने से अब उपलब्ध चुनींदा सामग्री ही भोग में अर्पित हो रही है।
धाम पर बिराजमान भगवान के भोग पर भी संकट आया हुआ है। सामान्य दिनों में सब्ली, फल मिठाई आदि कई तरह के व्यजनों का भोग लगता है, लेकिन इन वस्तुओं की आपूर्ति ठप होने से अब उपलब्ध चुनींदा सामग्री ही भोग में अर्पित हो रही है।
किसी को नहीं सुध
प्रारंभ में जब धाम टापू बना तब सुरक्षा की दृष्टि से पुलियाओं के किनारों पर पुलिस के जवानों और एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया था जो कई दिनों तक वहां रही भी लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है और प्रशासन ने वहां मौजूद सेवकों को उनके हाल पर ही छोड़ रखा है।
प्रारंभ में जब धाम टापू बना तब सुरक्षा की दृष्टि से पुलियाओं के किनारों पर पुलिस के जवानों और एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया था जो कई दिनों तक वहां रही भी लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है और प्रशासन ने वहां मौजूद सेवकों को उनके हाल पर ही छोड़ रखा है।