करीब एक दशक से सक्रिय इस गिरोह के सदस्यों ने अनगिनत चेन स्नेचिंग, चोरी एवं लूट की वारदातों को अंजाम दिया है, लेकिन कुछ वारदातों को ही इन्होंने पुलिस के समक्ष उगला है। गिरोह के सदस्यों ने राजस्थान में बांसवाड़ा, सुजानगढ़, भीलवाड़़ा, कोटा, चित्तौडगढ़़, नौखा के अलावा दिल्ली व नोएड़ा, मुरैना, ग्वालियर सहित अन्य इलाकों में झुण्ड बनाकर वारदात करना स्वीकार किया है।
चोरी के माल का दिल्ली में सौदा आरोपी गिरोह बनाकर वारदातें करते हैं। चेन का हुक खोलने में इस गिरोह की महिलाओं को महारथ हासिल है। महिलाएं झुण्ड बनाकर बैठती हैं और पलभर में गले से चेन उतार लेती हैं। एक जगह करीब तीन-चार वारदातों को अंजाम देने के बाद गिरोह की एक महिला माल दिल्ली लेकर जाती है और वहां गिरोह की अन्य सदस्य चोरी के गहनों को बिक्री करने का कार्य करती है।
दस साल से सक्रिय है गैंग पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने बताया कि बावरिया गिरोह करीब दस वर्षों से सक्रिय रूप से सिलसिलेवार वारदातें करता आ रहा है। उनका पूरा खानदान इसी तरह की वारदातों में लिप्त है। जिसकी कई जिलों की पुलिस को लंबे समय से तलाश थी।
ये हुए थे गिरफ्तार उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बांसवाड़ा जिले के देलवाड़ा गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान चेन स्नेचिंग के बाद इन आरोपपियों भरतपुर रंजीत कच्ची बस्ती निवासी होरीलाल पुत्र सूरजमल बावरी, उसकी पत्नी कश्मीरा, भाई सुनील और शेरू, शेरू की पत्नी सपना के अलावा सोनिया पत्नी कालीचरण, मधु पत्नी योगेश, गुड्डी पत्नी राकेश और अंजलि पुत्री योगेश को गिरफ्तार किया गया था।