इससे पहले 7 मार्च को कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर के नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बांसवाड़ा आगमन पर चुनावी रंग दिखाने के लिए भीड़ जुटाई गई। यहां कॉलेज मैदान में हुई आमसभा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोडासरा, राजस्थान के प्रभारी एसएस रंधावा सहित कई बड़े नेताओं के संबोधित कर एकजुटता बताई। कयास भले ही चल रहे, लेकिन हकीकत में वागड़ में कांग्रेस अब तक एक अदद मजबूत प्रत्याशी नहीं तलाश पाई है। ऐसे में कांग्रेस की चुनौती दिनोंदिन बढ़ती प्रतीत हो रही है।
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इस बीच, 10 मार्च को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की बांसवाड़ा के कुशलबाग मैदान में पार्टी प्रत्याशी मालवीया के समर्थन में पहली जनसभा हुई। सभा में जिला प्रमुख, प्रधानों-सरपंचों सहित कई पुराने कांग्रेसियों ने भाजपा का दामन थामा, तो बड़ी संख्या में भीड़ भी जुटी। फिर आरोप-प्रत्यारोपों के दौर भी शुरू हुए। हालांकि ये चुनावी शगल माने गए, लेकिन इससे अंदरुनी हालत भी सामने आई।
12 मार्च को भारत आदिवासी पार्टी ने अपने आरक्षण के एजेंडे के बूते कॉलेज मैदान में अनुसूचित क्षेत्र का महासम्मेलन आयोजित कर ताकत दिखाई। पार्टी प्रत्याशी मौजूदा चौरासी विधायक रोत के साथ पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को कोसा। फिर अटकलों को विराम देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत का खुलकर बयान आया, जिसमें कांग्रेस से किसी तरह के गठबंधन होने से साफ इनकार किया।
जिलाध्यक्ष कांग्रेस रमेशचंद्र पंड्या ने कहा जिला स्तर से आलाकमान के सामने अपनी बात रख चुके हैं। यह सही है कि प्रत्याशी की घोषणा देरी से होने पर प्रचार अभियान में पिछड़ सकते हैं, लेकिन निर्णय एआईसीसी या पीसीसी को करना है। हम भी इंतजार में हैं।
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